गुरुवार 03 अप्रैल 2025: बदल जाएगी इन राशियों की किस्मत, मिलेगी बड़ी सफलता

मेष राशि: आज अनुशासन ही आपकी ताकत है। सेहत के मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है। मामूली मुद्दों के बावजूद आपका लव कनेक्शन मजबूत रहेगा। कार्यालय में उत्पादक होने के दौरान आपको वर्क और पर्सनल लाइफ में बैलेंस मेन्टेन करना चाहिए।

वृषभ राशि: आज आपको अपनी हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए। आपकी लव लाइफ पॉजिटिव रहेगी, जहां आप एक साथ ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेन्ड करेंगे। अच्छे स्वास्थ्य के साथ पेशेवर सफलता दिन को आनंद से भर देगी। कोई भी प्रॉब्लम आपके लिए बड़ी नहीं है।

मिथुन राशि: आज प्यार में पड़ने के लिए तैयार रहें। व्यावसायिक जीवन में उथल-पुथल की स्थिति बनी रहेगी। आर्थिक खुशहाली से भी खुशी मिलेगी। पैसों के मामले में आंख बंद करके किसी पर भरोसा न करें। आज अपने स्वास्थ्य पर नजर रखें।

कर्क राशि: जीवन में सकारात्मक बदलाव हो रहे हैं। चुनौतियों को स्वीकार करें, जो आपको व्यक्तिगत विकास और नए अवसरों की ओर ले जा सकती है। हेल्दी फूड का सेवन करें। आज का दिन आपके लिए थोड़ा-बहुत उतार-चढ़ाव वाला रहेगा।

सिंह राशि: आज के दिन अपने लक्ष्य पर दृढ़ रहें। सही देखभाल के साथ अपने पैसों को संभालें। मामूली स्वास्थ्य मुद्दे मौजूद रहेंगे। आज के दिन आपको पॉजिटिव सोच पर फोकस करना चाहिए। नई शुरुआत को अपनाना जरूरी है।

कन्या राशि: आज नई जिम्मेदारियां आपकी क्रिएटिव स्किल्स को निखारेंगी। सामाजिक तौर पर और करियर में ग्रोथ की काफी संभावना है। आज अपने पैसों को स्मार्ट तरीके और सावधानी के साथ हैन्डल करें। प्रेशर लेने से बचें। अच्छा स्वास्थ्य भी देखेंगे।

तुला राशि: आपका स्वास्थ्य भी आज ठीक रहेगा। आज का आपका दिन प्रोडक्टिव रहने वाला है। अपने प्रेम जीवन में ईमानदार रहें। आज सौंपे गए हर एक पेशेवर कार्य को पूरा करने के लिए भी ठोस कदम उठाएं। हाइड्रेटेड़ रहें।

वृश्चिक राशि: आज का आपका दिन दिलचस्प रहने वाला है। अपनी बुद्धि से हर मौके को अनलॉक करें। आज इंट्यूशन को खुद का मार्गदर्शन करने दें, खासकर मुश्किल डिसीजन में। याद रखें, इंतजार करने वालों को अच्छी चीजें मिल सकती हैं।

धनु राशि: आज का आपका दिन बदलावों से भरपूर रहने वाला है। सभी संभावनाओं और मौकों के लिए खुले रहें। मुस्कान के साथ चुनौतियां का सामना करें। प्यार की फीलिंग्स को जाहिर करें, जो आपको मजबूत बनाएगी।

मकर राशि: आज मिला-जुला दिन रहेगा। लव लाइफ में रोमांस पर ध्यान दें, जिससे रिश्ते में खुशहाली आएगी। हर चुनौती को मुस्कुराहट के साथ स्वीकार करना जरूरी है। कार्यालय की राजनीति से बचें और आगे बढ़ने के लिए हर पेशेवर अवसर का भी उपयोग करें।

कुंभ राशि: आज का दिन थोड़ा रिस्की साबित हो सकता है। नए अवसरों को हाथ से जाने न दें। करियर और प्यार में नए रास्ते सामने आ सकते हैं, सावधानी से हर एक कदम उठाएं। सफलतापूर्वक सिचूऐशन को पार करने के लिए अपने इंट्यूशन पर भरोसा रखें।

मीन राशि: आपको व्यावसायिक और व्यक्तिगत जीवन में अवसर मिल सकते हैं। आपके सामान्य रवैये में थोड़े से बदलाव की आवश्यकता हो सकती है। दिन का अधिकतम लाभ उठाने के लिए धैर्य और डिप्लोमेटिक बने रहें।

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भाजपा सरकार का यह बजट विधानसभा के इतिहास का सबसे झूठा बजट है: आतिशी

नई दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने भाजपा सरकार के बजट को लेकर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने 1 लाख करोड़ के बजट का महज जुमला दिया है, लेकिन उनके ही अधिकारियों ने इस झूठ को बेनकाब कर दिया। आतिशी ने बताया कि 31 मार्च को दिल्ली सरकार के वित्त विभाग से जारी आदेश के अनुसार, किसी भी विभाग को अप्रैल में कुल बजट का केवल 5 प्रतिशत खर्च करने की अनुमति दी गई है। इसका अर्थ यह हुआ कि अप्रैल महीने में सरकार केवल 5,000 करोड़ ही खर्च कर सकती है। इसी आधार पर पूरे साल में सरकार 60,000 करोड़ ही खर्च कर सकेगी। ऐसे में सवाल उठता है कि जब सरकार के पास खर्च करने के लिए पैसा ही नहीं है, तो 1 लाख करोड़ का बजट कैसे संभव है?
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार का यह बजट विधानसभा के इतिहास का सबसे झूठा बजट है। दिल्ली सरकार ने बजट पेश करते समय 1 लाख करोड़ का दावा किया, जबकि हकीकत में यह बजट मात्र 78,000 करोड़ का ही है। यहां तक कि भाजपा सरकार के वित्त विभाग ने खुद इस झूठे बजट को उजागर कर दिया है।
आतिशी ने कहा कि जब सरकार के पास 60,000 करोड़ से अधिक का राजस्व ही नहीं है, तो 1 लाख करोड़ का बजट पेश करना पूरी तरह से जुमलेबाजी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है और झूठे आंकड़ों के सहारे अपनी नाकामियों को छिपाने की कोशिश कर रही है। 31 मार्च को जारी वित्त विभाग के आदेश के अनुसार, किसी भी विभाग को अप्रैल में बजट का मात्र 5 प्रतिशत खर्च करने की इजाजत दी गई है। अगर इसे साल भर के हिसाब से देखें, तो कुल खर्च 60,000 करोड़ तक ही सीमित रहेगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इससे यह साफ हो जाता है कि दिल्ली सरकार के पास 60,000 करोड़ से ज्यादा खर्च करने की क्षमता नहीं है। ऐसे में 1 लाख करोड़ के बजट की घोषणा पूरी तरह से हवा-हवाई साबित होती है।

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लोहे की सरिया पोल गांव से सिलक्यारा की दिशा में हुई आर-पार, 2023 में आई थी चर्चा में, 17 दिन तक फंसे थे 41 श्रमिक

बड़कोट
बहुचर्चित सिलक्यारा सुरंग की खुदाई का कार्य अंतिम चरण में है। यदि सब कुछ योजना के अनुसार चला तो मात्र पंद्रह दिनों में सुरंग आर-पार हो जाएगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बुधवार को लोहे की सरिया पोल गांव से सिल्क्यारा की दिशा में आर-पार हो चुकी है। इससे यह संभावना बढ़ गई है कि 15 अप्रैल तक सुरंग पूरी तरह से आरपार हो जाएगी। बता दें कि केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण चारधाम सड़क परियोजना में निर्माणाधीन 4.5 किमी लंबी सिल्क्यारा-पोलगांव सुरंग वर्ष 2023 में भूस्खलन के कारण सुर्खियों में रही थी। उस दौरान सुरंग के सिलक्यारा मुहाने के पास भूस्खलन से 41 श्रमिक सुरंग के फंस गए थे, जिन्हें 17 दिनों तक चले कठिन रेस्क्यू आपरेशन के बाद सुरक्षित निकाला गया था।
 
ढाई से तीन महीने तक ठप रहा था काम
इस हादसे के बाद सुरंग निर्माण कार्य लगभग ढाई से तीन महीने तक पूरी तरह ठप रहा। गत वर्ष 23 जनवरी 2024 को केंद्र सरकार ने कार्यदायी संस्था एनएचआईडीसीएल (राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड) को सुरंग का निर्माण दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए। निर्माण एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बड़कोट छोर से बुधवार को सरिया पूरी तरह आर-पार हो चुकी है। अब 15 से 20 अप्रैल के बीच सुरंग पूरी तरह से आर-पार होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, सुरंग की फिनिशिंग और अन्य महत्वपूर्ण कार्यों को पूरा करने में लगभग डेढ़ से दो वर्ष का समय लग सकता है।  इन कार्यों में सुरंग के अंदर मध्य में बनाई जा रही दीवार का निर्माण, सिल्क्यारा छोर पर पुल और दीवार निर्माण, तथा दोनों छोरों पर कंट्रोल रूम का निर्माण शामिल है।

150 करोड़ की लागत से होंगे इलेक्ट्रो मैकेनिकल कार्य
सुरंग में लगभग 150 करोड़ रुपये की लागत से इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य किए जाएंगे। इनमें इटली से मंगवाया गया फायर सप्रेशन सिस्टम भी लगाया जाएगा। यह सिस्टम हजारों नोजल से लैस होगा, जो सेंसर के माध्यम से तापमान में वृद्धि या आग लगने की स्थिति में स्वतः सक्रिय होकर पानी की फुहारों से आग को फैलने से रोकेगा। साथ ही, सुरंग के दोनों किनारों पर बनाए जा रहे कंट्रोल रूम से ट्रैफिक, कैमरे, सेंसर और फायर सप्रेशन सिस्टम को स्काडा (पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण तकनीक) के माध्यम से नियंत्रित किया जाएगा।

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अगर यह देश धर्मशाला नहीं है तो यह देश जेल भी नहीं है: संजय राउत

नई दिल्ली
राज्यसभा में इमीग्रेशन एंड फॉरेनर्स बिल (आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक)-2025 को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को सदन के समक्ष विचार के लिए रखा। विधेयक पर बोलते हुए शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत ने कहा कि देश को धर्मशाला बनाना किसी का मकसद नहीं है, लेकिन अगर यह देश धर्मशाला नहीं है तो यह देश जेल भी नहीं है। बीते 10 साल से देश के लोगों को एक तरह से जेल में रखा गया है। अब जो विदेश से लोग आएंगे, वह भी वैध वीजा और पासपोर्ट पर, यह कानून उन्हें भी शायद जेल में रखना चाहता है। संजय राउत ने कहा कि जिस तरह से इस विधेयक में बहुत से प्रावधान हैं, उससे धीरे-धीरे टूरिस्ट भी भारत में आना बंद करेंगे। हम नहीं चाहते कि कोई भी देश में अवैध तरीके से रहे, चाहे वह बांग्लादेशी हो, रोहिंग्या हो, या फिर अमेरिकन और यूरोपियन।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे भारतीयों को सेना के विमान में हाथों-पैरों में बेड़िया लगाकर वापस भेजा। यदि कोई अमेरिकी भारत में अवैध तरीके से रह रहा हो, तो उसे भी इसी तरह से बेड़िया लगाकर वापस भेजा जाए। पूरे देश में तीन करोड़ से ज्यादा बांग्लादेशी और रोहिंग्या हैं, उन्हें निकालना जरूरी है। यह मुहिम सबसे पहले मुंबई में हमने शुरू की थी। इस विधेयक का सेक्शन 7 यह कहता है कि जो विदेशी यहां आएगा, केंद्र सरकार यह तय करेगी कि वह किस होटल में ठहरेगा, कहां घूमेगा, कहां जाएगा।
राउत ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह विधेयक ऐसा है, जिसके तहत यदि कोई विदेशी डेलिगेशन, जर्नलिस्ट या डिप्लोमेट भारत आता है और वह देश में किसी प्रमुख नेता से मिलना चाहता है, सोनिया गांधी से, राहुल गांधी से, उद्धव ठाकरे से मिलना चाहता है, तो सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी। यदि सरकार अनुमति देती है, तो मुलाकात कर सकेंगे और यदि अनुमति नहीं मिली, तो यह मुलाकात नहीं हो सकेगी।
उन्होंने सदन में कहा कि देश में जो आतंकवादी आए हैं, वे किसी वैध पासपोर्ट पर नहीं आए हैं। कसाब किसी वैध पासपोर्ट पर नहीं आया था। कसाब और उसके साथ जो टेररिस्ट आए थे, वे समुद्र मार्ग से अवैध तरीके से आए और किसी को पता भी नहीं चला। कानून को यदि आप मजबूत करना चाहते हैं, तो कीजिए, लेकिन इस विधेयक को स्थाई समिति के पास वापस भेजकर इस पर चर्चा की जानी चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि पुराने आव्रजन कानूनों के तहत देश की सीमाओं की रक्षा करने में, देश में घुसपैठ को रोकने में काफी बाधाएं आती थीं। देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता। नए विधेयक में प्रमुख रूप से भारत में प्रवेश, प्रवास के लिए यात्रा दस्तावेज, वैध वीजा की अनिवार्य आवश्यकता, प्रवेश से इनकार आदि विधेयक का एक हिस्सा हैं। भारत को चिकित्सा, शैक्षणिक और विनिर्माण गतिविधियों का केंद्र बनाने, सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों के अनुरूप विभिन्न गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु, सही उद्देश्य के लिए विदेशियों की भारत यात्रा को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता है। इसका प्रावधान इस विधेयक में किया गया है। भारत ने 169 देशों के नागरिकों के लिए ई-वीजा की शुरुआत की है। इस संबंध में आवश्यक है कि अधिकारियों को विदेश से आ रहे लोगों के दस्तावेज की जांच करने का अधिकार दिया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा या संप्रभुता को खतरा होने पर अधिकारियों को अधिकार दिया गया है कि वे विदेशियों को देश में प्रवेश से वंचित कर सकें।

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जारी सर्वेक्षण के अनुसार लगभग तीन चौथाई यूक्रेनी नागरिकों ने कहा- ट्रंप शासन यूक्रेन के लिए नकारात्मक

कीव
यूक्रेनवासियों का मानना ​​है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति काल का यूक्रेन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। जारी एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग तीन चौथाई (73 प्रतिशत) यूक्रेनी नागरिकों ने यह जानकारी जारी की। कीव इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशियोलॉजी की ओर से यह सर्वे कराया गया। सर्वेक्षण के अनुसार, केवल 19 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने ट्रंप के राष्ट्रपति बनने को यूक्रेन के लिए लाभकारी माना। बाकी बचे उत्तरदाता इस मुद्दे पर कोई राय नहीं रखते थे।
जब पूछा गया कि क्या ट्रंप के शासनकाल की सहायता से यूक्रेन न्यायपूर्ण शांति प्राप्त कर सकता है, तो 55 फीसदी लोगों ने नकारात्मक उत्तर दिया, 18 ने सकारात्मक। 21 प्रतिशत ने कहा कि उनका मानना ​​है कि कोई भी शांति समझौता केवल आंशिक रूप से ही न्यायपूर्ण होगा।
यह सर्वे 12 से 22 मार्च तक 1,326 वयस्कों के साथ टेलीफोन इंटरव्यू के माध्यम से आयोजित किया गया था। यह सर्वेक्षण दिसंबर 2024 में हुए इसी प्रकार के सर्वेक्षण की तुलना में जनता की राय में बदलाव को दर्शाता है। उसमें सामने आया था कि कि 54 प्रतिशत यूक्रेनवासी ट्रंप के आगामी राष्ट्रपति बनने के बारे में सकारात्मक दृष्टिकोण रखते थे, 21 प्रतिशत लोग इसे नकारात्मक रूप से देखते थे, जबकि 25 प्रतिशत लोग कोई राय नहीं रखते थे।
20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति बनने के बाद से ट्रंप लगातार यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की बात कर रहे हैं। हालांकि उनका रुख कीव के प्रति कठोर जबकि मॉस्को के प्रति काफी नरम रहा है। उनके इस रुख ने कीव और यूरोपीय देशों को चिंतित कर दिया है।
अमेरिका ने 25 मार्च को यूक्रेन और रूस के साथ समुद्र में और ऊर्जा लक्ष्यों पर हमले रोकने के लिए अलग-अलग समझौते किए। वाशिंगटन ने मॉस्को के खिलाफ कुछ प्रतिबंधों को हटाने के लिए दबाव बनाने पर सहमति व्यक्त की।
वाशिंगटन ने कहा समझौतों की घोषणा करते हुए कहा कि सभी पक्ष, 'स्थायी शांति' की दिशा में काम करना जारी रखेंगे। व्हाइट हाउस ने कहा कि उन्होंने एक-दूसरे के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमला करने पर पहले से सहमत प्रतिबंध को लागू करने के 'तरीके विकसित करने' की भी प्रतिबद्धता जताई।

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सेलिब्रिटी मैनेजर दिवंगत दिशा सालियान मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने स्पेशल बेंच को रजिस्ट्री सौंपने का दिया निर्देश

मुंबई
बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को सेलिब्रिटी मैनेजर दिवंगत दिशा सालियान की मौत से संबंधित मामले को लेकर रजिस्ट्री स्पेशल बेंच को सौंपने का निर्देश दिया। बुधवार को दिशा के पिता की दायर रिट याचिका पर सुनवाई होनी थी। याचिका में उनकी बेटी की मौत की सीबीआई जांच और विधायक आदित्य ठाकरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है। सुनवाई जस्टिस रेवती और मोहिते ढेरे के समक्ष होनी थी, लेकिन अब मामला दूसरी बेंच के पास जाएगा।
दिशा सालियान की कानूनी टीम ने जोर देकर कहा कि यह मामला महिलाओं के खिलाफ अपराध के अंतर्गत आता है, इसलिए जस्टिस सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच के समक्ष जाना चाहिए। इसके बाद कोर्ट ने रजिस्ट्री को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि याचिका की अनुशंसित बेंच समीक्षा करे।
मामले को लेकर दिशा सालियान के वकील नीलेश ओझा ने बताया, "कोर्ट ने कहा है कि मामला महिलाओं के खिलाफ अपराध के अंतर्गत आता है, इसकी सुनवाई जस्टिस सारंग कोतवाल की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच के सामने होनी चाहिए। हाई कोर्ट ने रजिस्ट्री को उचित बेंच के समक्ष रखने का निर्देश दिया है। हालांकि, अदालत की ओर से अगली सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं दी गई है।"
दिशा सालियान के पिता सतीश सालियान की दायर याचिका में बेटी की मौत की नए सिरे से जांच और कुछ पावरफुल लोगों से पूछताछ की मांग शामिल है।
याचिका में उन्होंने दावा किया था कि दिशा का बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। खास बात यह है कि सतीश सालियान ने पांच साल पहले जोर देकर कहा था कि उनकी बेटी का ना तो बलात्कार किया गया और ना हत्या हुई।
जब मीडिया ने इस बारे में सवाल किया, तो सतीश सालियान के वकील नीलेश ओझा ने कहा, "कुछ राजनीतिक नेताओं और पुलिस ने परेशान पिता को बरगलाया, जो एक प्रमुख राजनेता के बेटे को बचाना चाहते थे।"
नीलेश ओझा ने 25 मार्च को दिशा की मौत के मामले में एक नई एफआईआर दर्ज करवाई थी। ओझा ने कहा था कि पुलिस कमिश्नर के पास लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है और एफआईआर में आदित्य ठाकरे, डिनो मोरिया और सूरज पंचोली का नाम दर्ज है। ओझा के मुताबिक, "आदित्य ठाकरे, डिनो मोरिया, सूरज पंचोली और उनके बॉडीगार्ड परमबीर सिंह, सचिन वाजे और रिया चक्रवर्ती भी एफआईआर में आरोपी हैं।" उन्होंने दावा किया था कि परमबीर सिंह इस मामले को छिपाने के मुख्य मास्टरमाइंड हैं। परमबीर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और आदित्य ठाकरे को बचाने के लिए झूठ गढ़ा।

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राशिद अल्वी ने कहा, लोकसभा में मैंने मंत्री का भाषण सुना, उन्होंने पूरे देश को गुमराह करने का काम किया

नई दिल्ली
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पेश किया। कांग्रेस के दिग्गज नेता राशिद अल्वी ने बुधवार मीडिया से बात करते हुए दावा किया कि हमारी सरकार बनते ही वक्फ कानून को रद्द कर देंगे। राशिद अल्वी ने कहा, "लोकसभा में मैंने मंत्री का भाषण सुना। उन्होंने पूरे देश को गुमराह करने का काम किया है। आज का दिन भारत के इतिहास में काला दिन माना जाएगा। भाजपा और आरएसएस ने मिलकर जिस दिन बाबरी मस्जिद ढहाई थी, वो भी काला दिन था। एक बार फिर भाजपा की सरकार मुस्लिम दुश्मनी पर आमादा है। इतिहास में यह सरकार मुस्लिम दुश्मनी पर आमादा सरकार कहलाएगी। एनडीए में शामिल नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू अगर इस बिल का साथ देते हैं, तो वो भी मुस्लिम दुश्मनी में भाजपा के साथ खड़े कहलाएंगे।"
वक्फ संशोधन बिल से मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं होने वाले सरकार के दावों पर राशिद अल्वी ने पूछा, "क्या मंदिरों की कम्युनिटी में मुस्लिम शामिल होंगे? ऐसा एक कानून बनाइए, जिससे मंदिर की कम्युनिटी में मुस्लिम भी शामिल होंगे और मुस्लिम की कम्युनिटी में हिंदू शामिल होंगे।"
उन्होंने आरोप लगाया, "वक्फ के अंदर भाजपा और आरएसएस के लोग शामिल होंगे और वक्फ की संपत्ति को हड़पने का काम करेंगे।"
राशिद अल्वी ने दावा किया, "कानून पास होने के बाद प्रदर्शन करने का कोई मतलब नहीं रह जाता। भाजपा चाहती है कि मुसलमान प्रदर्शन करें और सड़कों पर उतरें। वो देश में शाहीन बाग जैसे हालात बनाना चाहते हैं, जिससे उन्हें ताकत मिलती है। भाजपा की सरकार जब तक है, वो प्रदर्शन करने वालों की बात नहीं सुनेगी। 2029 में हमारी सरकार आएगी और हम इस कानून को रद्द कर देंगे।"
सरकार के कांग्रेस पर मुसलमानों को गुमराह करने के आरोपों पर अल्वी ने कहा, "अगर कांग्रेस गुमराह कर रही है तो क्या टीएमसी, डीएमके और सपा समेत कई पार्टियां गुमराह कर रही हैं? क्या वक्फ बिल का विरोध करने वाली सारी पार्टियां भटका रही हैं? कांग्रेस पर आरोप लगाने की भाजपा की आदत रही है। कुछ सालों का मामला है, कांग्रेस की सरकार आते ही 'वक्फ संशोधन बिल' को हम पलट देंगे।"

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रूस और यूक्रेन के बीच जारी बीते तीन साल से जंग जारी, रूसी सैनिक की पत्नी ने पति को दी थी सलाह, कोर्ट ने सुनाई सजा

रूस
रूस और यूक्रेन के बीच जारी बीते तीन साल से जंग जारी है। इस युद्ध के दौरान दोनों पक्षों के हजारों लोगों की मौत हो चुकी है वहीं लाखों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जहां एक तरफ पूरी दुनिया जहां इस जंग के खत्म होने की राह देख रही है वहीं दूसरी तरफ रूस की एक महिला पर अपने ही सैनिक पति को क्रूरता के लिए उकसाने के आरोप लगे हैं। इस महिला ने कथित तौर पर सरहद पर तैनात अपने पति को यूक्रेनी औरतों के साथ बलात्कार की इजाजत दी। इतना ही नहीं महिला ने पति को इसके लिए उकसाया भी।

जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2022 में यूक्रेन की सुरक्षा सेवा (SSU) ने एक रूसी सैनिक और उसकी पत्नी के बीच एक इंटरसेप्ट की गई बातचीत का ऑडियो जारी किया था। इसमें महिला को अपने पति को यूक्रेनी महिलाओं से बलात्कार करने के लिए प्रोत्साहित करते सुना गया। महिला ने अपने पति से कहा कि वह उन औरतों का बलात्कार कर सकता है बशर्ते वह प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करे। रेडियो लिबर्टी की यूक्रेनी और रूसी सेवाओं के पत्रकारों ने दंपति की पहचान ओल्गा और रोमन बाइकोवस्की के रूप में की।

मामला सामने आने के बाद रूसी महिला को युद्ध के कानूनों का उल्लंघन करने के संदेह का नोटिस दिया गया। उसे अंतरराष्ट्रीय सूची में वांटेड की लिस्ट में भी डाल दिया गया। यूक्रेनी कानून प्रवर्तन अधिकारियों की जांच के बाद दिसंबर 2022 में अदालत में ओल्गा बाइकोव्स्काया के खिलाफ मामला दायर किया गया। अब महिला को युद्ध के कानूनों का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया गया है और कोर्ट ने उसे 5 साल की जेल की सजा सुनाई है।

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मुंबई का प्रसिद्ध सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ने तोड़े अबतक के कमाई के सारे रिकॉर्ड, सालाना आय पहुंची ₹133 करोड़

मुंबई
मुंबई का प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर एक बार फिर अपनी ऐतिहासिक कमाई को लेकर चर्चा में है। मंदिर ट्रस्ट ने बताया कि हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंदिर की कुल आय 133 करोड़ तक पहुंच गई, जो पिछले वित्तीय वर्ष (2023-24) की तुलना में 16% अधिक है। मंदिर की कमाई में सबसे बड़ा योगदान श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान और चढ़ावे का रहा। इसके अलावा, पूजा और अन्य धार्मिक अनुष्ठानों से 20 करोड़ की आय हुई। मंदिर को विभिन्न स्रोतों से आय प्राप्त होती है, जिनमें दान पेटियां, ऑनलाइन भुगतान, धार्मिक अनुष्ठान, प्रसाद बिक्री और सोना-चांदी की नीलामी शामिल हैं। ट्रस्ट के एक अधिकारी के अनुसार, पिछले वर्ष की तुलना में प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले लड्डू और नारियल वड़ी की बिक्री में 32% की वृद्धि दर्ज की गई। मंदिर प्रशासन रोजाना करीब 10,000 लड्डू भक्तों को वितरित करता है।

गुड़ी पड़वा पर सोना-चांदी से रिकॉर्ड कमाई
ट्रस्ट के अनुसार, इस वर्ष गुड़ी पड़वा के अवसर पर सोना-चांदी की नीलामी से रिकॉर्ड 1.33 करोड़ की कमाई हुई, जो पिछले वर्ष के 75 लाख की तुलना में लगभग दोगुनी है। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट की मुख्य कार्यकारी अधिकारी वीणा पाटिल ने बताया कि मंदिर में भक्तों की बढ़ती संख्या और प्रशासनिक सुधारों के कारण आय में यह उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी अनुमान लगाया कि चालू वित्तीय वर्ष (2025-26) में मंदिर की कुल आय 154 करोड़ तक पहुंच सकती है।

दान का समाज कल्याण में उपयोग
मंदिर ट्रस्ट अपनी आय का 20% सामाजिक कल्याण कार्यों पर खर्च करता है। इसमें मेडिकल सहायता, डायलिसिस सेंटर का संचालन, 18 प्रकार की गंभीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की आर्थिक सहायता जैसी सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, ट्रस्ट कॉलेज के छात्रों के लिए बुक बैंक सुविधा प्रदान करता है और मंदिर परिसर के पास एक अध्ययन कक्ष भी संचालित करता है। ट्रस्ट उन किसानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च भी उठाता है, जिनके परिवार के सदस्य आत्महत्या कर चुके हैं। वीणा पाटिल ने कहा, "हम यह सुनिश्चित करते हैं कि भक्तों द्वारा दिया गया दान और चढ़ावा समाज के कल्याण के लिए उपयोग किया जाए।"

भविष्य में और बढ़ेगी कमाई
मंदिर ट्रस्ट को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भक्तों की संख्या में और अधिक वृद्धि होगी, जिससे आय में और भी इजाफा होगा। इसके साथ ही, प्रशासनिक सुधारों और तकनीकी सुविधाओं के विस्तार से मंदिर की सेवाओं को अधिक व्यवस्थित और प्रभावी बनाया जा रहा है।

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अभियान में तेजी लाने को सरकार ने निकाला ये उपाय, यूपी में अब किसानों के घरों से भी होगी गेहूं की खरीदारी

लखनऊ
गेहूं की सरकारी खरीद की धीमी रफ्तार से परेशान सरकार अब किसानों के घर पर दस्तक देगी। इसके लिए स्थायी केंद्रों के साथ मोबाइल क्रय केंद्र की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। ये मोबाइल केंद्र गांव-गांव जाकर किसान से सीधी खरीद करेंगे। यह व्यवस्था विशेष तौर पर उन क्षेत्रों के लिए की जा रही है, जहां के स्थायी केंद्रों पर पूर्व के वर्षों में किसानों की आमद कम रही है।

17 जनवरी से शुरू हुई गेहूं खरीद
प्रदेश में गेहूूं खरीद की प्रक्रिया बीते 17 जनवरी से शुरू हुई है। 15 जून तक 2425 रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर होने वाली इस खरीद के लिए 6500 केंद्र बनाए जाने हैं, जिनमें से 5690 केंद्र का संचालन शुरू हो चुका है, परंतु खरीद की गति नहीं बढ़ रही है।

60 लाख टन गेहूं खरीद का रखा गया लक्ष्य
इस बार प्रदेश में 60 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा गया है और बुधवार शाम पांच बजे तक पूरे प्रदेश में सरकारी क्रय केंद्रों पर 2903 किसानों से 17.18 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हो सकी थी। वर्तमान स्थिति के हिसाब से लक्ष्य से बहुत पीछे रह जाने की आशंका खड़ी हो गई है।

मोबाइल क्रय केंद्रों का उपाय निकला
ऐसे में मोबाइल क्रय केंद्रों का उपाय आजमाया जा रहा है। इसके लिए डीएम से उनके जिलों के ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों को चिन्हित कराया जा रहा है, जहां गेहूं के भाव अपेक्षाकृत कम होते हैं या फिर जहां से स्थायी केंद्रों तक आने में किसानों को समस्या होती है।

किसानों से नहीं लिया जाएगा अतिरिक्त शुल्क
ऐसी जगहों पर गेहूं खरीद की मात्रा बढ़ाने के लिए डीएम अपने जिले में खोले गए क्रय केंद्रों में से किसी को भी मोबाइल क्रय केंद्र के रूप में अधिकृत कर सकते हैं। कुछ जिलों में इन मोबाइल केंद्राें की शुरुआत भी कर दी गई है। इनके माध्यम के खरीद के बाद उपज के परिवहन को लेकर किसानों से कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

खरीद की हो रही निगरानी
मोबाइल क्रय केंद्रों से गेहूं खरीद की निगरानी का जिम्मा संबंधित डीएम पर होगा। इन केंद्रोें और स्थायी केंद्रों में उपज की ढुलाई के लिए लगाए गए वाहनों में ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगाया गया है, जिसके माध्यम से उनकी ट्रैकिंग की जा रही है।

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