किसान नेता ने कहा- सरकार उनकी मांगे मानने में विफल रही है और वे दिल्ली मार्च जारी रखेंगे, संसद में भी उठेगी आवाज

नई दिल्ली
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में सुधार के लिए सरकार पर दबाव बना रहे किसानों ने बुधवार सुबह संसद परिसर में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से मुलाकात की। राहुल गांधी लोकसभा में विपक्ष के नेता भी हैं। उन्होंने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और कर्नाटक के 12 किसान नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। राहुल गांधी के मुलाकात के बाद एक किसान नेता ने कहा कि सरकार उनकी मांगे मानने में विफल रही है और वे दिल्ली मार्च जारी रखेंगे। किसानों में से एक जगजीत सिंह दल्लेवाल ने एनडीटीवी से कहा कि सरकार अब तक आश्वासनों को पूरा करने में विफल रही है। स्वामीनाथन रिपोर्ट का क्रियान्वयन जरूरी है। हम दिल्ली की ओर मार्च जारी रखेंगे।

इससे पहले किसानों की मुलाकात राहुल गांधी के संसद भवन स्थित कार्यालय में हुई। इसमें कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग, कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा, गुरजीत सिंह औजला, धर्मवीर गांधी, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह हुड्डा और जय प्रकाश भी मौजूद थे।  बैठक के बाद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने कहा, "राहुल गांधी संसद के अंदर किसानों की आवाज उठाएंगे…" किसानों द्वारा दिल्ली में फिर से मार्च निकालने की योजना बनाने की खबरों पर उन्होंने कहा, "उन्हें दिल्ली आकर विरोध करने का पूरा अधिकार है (और) अगर कोई निजी विधेयक लाने की जरूरत पड़ी तो हम उसे भी लाएंगे।"

इससे पहले राहुल गांधी ने कहा, “किसान नेताओं को मैंने संसद भवन में मिलने के लिए बुलाया था लेकिन उन्हें अंदर नहीं आने दिया गया तो मैं ही उनसे मिलने बाहर चला गया। किसान मुझसे संसद भवन आकर मिले इसके लिए भी प्रधानमंत्री से पूछना पड़ेगा।” राहुल गांधी के साथ जिन किसान नेताओं ने मुलाकात की उनमें पंजाब से जगजीत सिंह, श्रवण सिंह पंधार, सुरिजित सिंह तथा रमणदीप सिंह मान, हरियाणा से लखविंदर सिंह, तेजवीर सिंह, अमरजीतसिंह तथा अभिमन्यु, कर्नाटक से शांता कुमार, तेलंगाना से एन वेंकटेश्वर राम, तमिलनाडु से पी रामलिंगम शामिल हैं।

विपक्ष के नेता ने कहा, “किसान नेताओं से मुलाकात के दौरान मैंने कहा कि कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की बात कही थी। हमने आकलन किया है, ये बिल्कुल किया जा सकता है। इस बारे में हमने किसान नेताओं के साथ बैठक की। हमने तय किया है कि इंडिया समूह के नेताओं से चर्चा करके, हम सरकार पर एमसपी की कानूनी गारंटी के लिए दबाव बनाएंगे। इस बारे में हमने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ मिलकर सरकार पर दबाव डालने का निर्णय लिया है।”

 

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