रांची.
झारखंड के नए प्रभारी डीजीपी अनुराग गुप्ता ने पदभार ग्रहण कर लिया. उन्होंने 1989 बैच के अधिकारी अजय कुमार सिंह का स्थान लिया. सरकारी आदेश के अनुसार अनुराग कुमार गुप्ता, आईपीएस, महानिदेशक, अपराध जांच विभाग (अतिरिक्त प्रभार डीजी, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, झारखंड) को अगले आदेश तक झारखंड के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया जा रहा है.
पदभार ग्रहण करने के बाद अनुराग गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी प्राथमिकता राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की बेहतरी के साथ-साथ नारकोटिक्स, साइबर क्राइम, वायलेंट क्राइम और महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम को कंट्रोल करने की होगी. राज्य में फिलहाल इन चार तरह की क्राइम की चुनौतियां सबसे ज्यादा हैं और हमारा प्रयास होगा कि इन्हें रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं. उन्होंने कहा कि पुलिसिंग सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए वह राज्य के सभी थानों के अफसरों को निर्देश देंगे कि शिकायत लेकर आने वाले हर व्यक्ति की बात सुनी जाए और मामले आसानी के साथ दर्ज किए जाएं. खासतौर पर कमजोर वर्ग,वृद्धों और महिलाओं से जुड़े मामलों को संवेदनशीलता के साथ हैंडल किया जाए, यह सुनिश्चित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की क्राइम की सूचना मिलने पर पुलिस का रिस्पांस क्विक हो, यह देखा जाएगा. पुलिस बल की ट्रेनिंग और न्यायसंगत डिप्लॉयमेंट पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है.
कांग्रेस ने जताई अपत्ति
इस बीच डीजीपी की नियुक्ति को लेकर झामुमो के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन में दरार दिखाई दी. राज्य कांग्रेस प्रमुख राजेश ठाकुर ने कहा कि इस तरह के बड़े फैसले को लेते समय गठबंधन सहयोगियों को विश्वास में नहीं लिया गया. समन्वय समिति में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. कम से कम गठबंधन सहयोगियों को इतने बड़े फैसले के बारे में तो बताया जाना चाहिए था. मैं जानना चाहता हूं कि किन परिस्थितियों में ऐसा फैसला लिया गया. मैं इस बारे में सीएम से बात करूंगा.
1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं अनुराग गुप्ता
पीटीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अनुराग गुप्ता 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. वह राज्य पुलिस प्रमुख के रूप में 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी अजय कुमार सिंह की जगह लेंगे. अजय सिंह को 11 फरवरी 2023 को उनके पूर्ववर्ती नीरज सिन्हा की सेवानिवृत्ति के बाद राज्य का डीजीपी बनाया गया था. उन्हें अब झारखंड पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में तैनात किया गया है. पिछले साल सिंह की नियुक्ति से राज्य में डीजीपी की नियुक्ति को लेकर जारी विवाद खत्म हो गया था, क्योंकि जनवरी 2023 में उच्चतम न्यायालय ने झारखंड सरकार और पूर्व डीजीपी नीरज सिन्हा के खिलाफ अवमानना याचिका का निपटारा कर दिया था.
पहले नियुक्ति पर हुआ था विवाद
याचिका में आरोप लगाया गया था कि सिन्हा 31 जनवरी 2022 को सेवानिवृत्त होने के बाद भी डीजीपी के पद पर बने हुए हैं. प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने तब राज्य को संघ लोक सेवा आय़ोग (यूपीएससी) के मापदंडों पर ध्यान देने का निर्देश दिया था. उच्चतम न्यायालय ने 14 जुलाई 2021 को अपने आदेश के कथित उल्लंघन को लेकर दायर अवमानना याचिका पर राज्य सरकार, इसके शीर्ष अधिकारियों और यूपीएससी को नोटिस जारी किया था. शीर्ष अदालत ने तीन सितंबर 2021 को राज्य पुलिस प्रमुख के लिए दो साल के निश्चित कार्यकाल के अपने फैसले के कथित उल्लंघन में एक अंतरिम डीजीपी की नियुक्ति में भूमिका के लिए राज्य सरकार और यूपीएससी की खिंचाई की थी. साथ ही डीजीपी का चयन यूपीएससी द्वारा तैयार सूची से करने का निर्देश था.