इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश जून तिमाही में पांच गुना होकर 94,151 करोड़ रुपये पर

एफपीआई ने जुलाई में अबतक शेयरों में 33,600 करोड़ रुपये डाले

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश जून तिमाही में पांच गुना होकर 94,151 करोड़ रुपये पर

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.85 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

नई दिल्ली
 नीतिगत सुधार जारी रहने की उम्मीद, सतत आर्थिक वृद्धि और कंपनियों के उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक भारतीय शेयर बाजार में 33,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।

हालांकि, सरकार द्वारा बजट में वायदा और विकल्प व्यापार (एफएंडओ) और इक्विटी निवेश से पूंजीगत लाभ पर कर में बढ़ोतरी के बाद एफपीआई ने पिछले तीन कारोबारी सत्रों (24-26 जुलाई) में शेयरों से 7,200 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है।

बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय शेयर बाजार इस साल विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए अच्छी स्थिति में है। हालांकि, कुछ घटनाक्रमों की वजह से मासिक आधार पर इनमें कुछ उतार-चढ़ाव रह सकता है।

बजाज फिनसर्व एएमसी के सीआईओ निमेश चंदन ने कहा, ‘‘भारतीय शेयर बाजार और ऋण या बॉन्ड बाजार इस वर्ष अनुकूल स्थिति में हैं। इससे देश में विदेशी प्रवाह आकर्षित होना चाहिए। हालांकि, माह-दर-माह आधार पर इसमें कुछ उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।’’

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने (26 जुलाई तक) शेयरों में शुद्ध रूप से 33,688 करोड़ रुपये का निवेश किया है।

इससे पहले जून में शेयरों में 26,565 करोड़ रुपये का निवेश आया था। एफपीआई ने चुनावी नतीजों को लेकर असमंजस के बीच मई में शेयरों से 25,586 करोड़ रुपये निकाले थे। मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव और अमेरिकी में बॉन्ड प्रतिफल में बढ़ोतरी की चिंताओं के कारण अप्रैल में एफपीआई ने शेयरों से 8,700 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी।

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आर्थिक रूप से भारत मजबूत स्थिति में है। इसके अलावा कंपनियों के तिमाही नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे है। इससे कॉरपोरेट जगत का बही-खाता सुधरा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, सितंबर में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद बढ़ी है।’’ उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और एशियाई विकास बैंक (एडीबी) द्वारा भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान में बढ़ोतरी की वजह से भी एफपीआई निवेश बढ़ेगा।

आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में शेयरों के अलावा ऋण या बॉन्ड बाजार में 19,223 करोड़ रुपये डाले हैं। बॉन्ड बाजार में एफपीआई का निवेश इस साल अबतक 87,847 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश जून तिमाही में पांच गुना होकर 94,151 करोड़ रुपये पर

 इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश जून, 2024 में समाप्त तिमाही में पांच गुना होकर 94,151 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। एक साल पहले समान तिमाही में यह आंकड़ा 18,358 करोड़ रुपये था।

मजबूत आर्थिक माहौल, सरकार की अनुकूल राजकोषीय नीतियां, निवेशकों का भरोसा और शेयर बाजारों में तेजी के बीच इक्विटी म्यूचुअल फंड को लेकर आकर्षण बढ़ा है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के अनुसार, जून में उद्योग के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां (एयूएम) 59 प्रतिशत बढ़कर 27.68 लाख करोड़ रुपये हो गईं, जो एक साल पहले 17.43 लाख करोड़ रुपये थीं।

परिसंपत्ति आधार में मजबूत वृद्धि के साथ इक्विटी म्यूचुअल फंड के निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है। इस दौरान निवेशक आधार तीन करोड़ बढ़ा है और फोलियो की संख्या बढ़कर 13.3 करोड़ हो गई है।

स्टॉक ट्रेडिंग मंच ट्रेडजिनी के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) त्रिवेश डी ने पीटीआई-भाषा से बताया कि इक्विटी फोलियो की संख्या में बढ़ोतरी से पता चलता है कि विभिन्न निवेशक खंडों में भागीदारी व्यापक हो रही है। इसकी वजह वित्तीय जागरूकता तथा निवेश मंचों तक सुगम पहुंच है।

एम्फी के आंकड़ों के अनुसार, इक्विटी आधारित म्यूचुअल फंड योजनाओं में जून, 2024 को समाप्त तिमाही में 94,151 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। अप्रैल में इन योजनाओं में 18,917 करोड़ रुपये, मई में 34,697 करोड़ रुपये और जून में 40,537 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश जून तिमाही में पांच गुना होकर 94,151 करोड़ रुपये हो गया। यह जून, 2023 को समाप्त तिमाही में 18,358 करोड़ रुपये था। मार्च, 2024 की पिछली तिमाही की तुलना में जून तिमाही में निवेश 32 प्रतिशत अधिक रहा है। मार्च तिमाही में यह आंकड़ा 71,280 करोड़ रुपये रहा था।

आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) फिरोज अजीज ने कहा कि मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, बजटीय लक्ष्य से अधिक कर संग्रह, कम राजस्व व्यय और अधिक पूंजीगत व्यय जैसी सरकार की अनुकूल राजकोषीय नीतियों की वजह से इक्विटी म्यूचुअल फंड के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है।

 

सेंसेक्स की शीर्ष 10 में से छह कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1.85 लाख करोड़ रुपये बढ़ा

 सेंसेक्स की शीर्ष 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में से छह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में बीते सप्ताह सामूहिक रूप से 1,85,186.51 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई। सबसे अधिक लाभ में भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और इन्फोसिस रहीं। पिछले सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 728.07 अंक या 0.90 प्रतिशत चढ़ गया।

समीक्षाधीन सप्ताह में एलआईसी का बाजार मूल्यांकन 44,907.49 करोड़ रुपये बढ़कर 7,46,602.73 करोड़ रुपये हो गया। इन्फोसिस की बाजार हैसियत 35,665.92 करोड़ रुपये बढ़कर 7,80,062.35 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। आईटीसी का बाजार पूंजीकरण 35,363.32 करोड़ रुपये बढ़कर 6,28,042.62 करोड़ रुपये रहा।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के मूल्यांकन में 30,826.1 करोड़ रुपये का उछाल आया और यह 15,87,598.71 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। भारती एयरटेल की बाजार हैसियत 30,282.99 करोड़ रुपये बढ़कर 8,62,211.38 करोड़ रुपये पर पहुंच गई। एचडीएफसी बैंक का मूल्यांकन 8,140.69 करोड़ रुपये बढ़कर 12,30,842.03 करोड़ रुपये हो गया।

इस रुख के उलट रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण 62,008.68 करोड़ रुपये घटकर 20,41,821.06 करोड़ रुपये रह गया। आईसीआईसीआई बैंक के मूल्यांकन में 28,511.07 करोड़ रुपये की गिरावट आई और यह 8,50,020.53 करोड़ रुपये पर आ गया।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की बाजार हैसियत 23,427.1 करोड़ रुपये घटकर 7,70,149.39 करोड़ रुपये रह गई। हिंदुस्तान यूनिलीवर का मूल्यांकन 3,500.89 करोड़ रुपये घटकर 6,37,150.41 करोड़ रुपये पर आ गया।

सेंसेक्स की शीर्ष 10 कंपनियों की सूची में रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले स्थान पर कायम रही। इसके बाद क्रमश: टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इन्फोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, एलआईसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का स्थान रहा।

 

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