‘हमें व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति पद पर कमला हैरिस की जरूरत’: अल गोर

वाशिंगटन.

अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की तरफ से कमला हैरिस मैदान में हैं। दोनों प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। अब भारतवंशी हैरिस को पूर्व उपराष्ट्रपति अल गोर का समर्थन भी मिल गया है। गोर ने समर्थन देने के साथ ही उनके मध्यम वर्ग और जलवायु के समर्थन में तेल और गैस अधिकारियों के खिलाफ खड़े होने के लंबे रिकॉर्ड का हवाला दिया।

गौरतलब है, कुछ दिन पहले यानी 21 जुलाई को 81 साल के जो बाइडन ने चुनावी दौड़ से बाहर होने का एलान कर सबको चौंका दिया था। हालांकि, राष्ट्रपति बाइडन ने 59 साल की कमला हैरिस को अपना समर्थन दिया था। वहीं, 26 जुलाई को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी उनका समर्थन किया है। अल गोर ने कहा, 'इस साल के चुनाव में बहुत कुछ दांव पर लगा है। अमेरिका और विदेशों में लोकतंत्र को मजबूत करने से लेकर, देश के लोगों के लिए अवसर बढ़ाने और जलवायु कार्रवाई में तेजी लाने के लिए काम करना होगा। मुझे राष्ट्रपति चुनाव के लिए कमला का समर्थन करने पर गर्व है।'

उपराष्ट्रपति की गिनाईं उपलब्धियां
पूर्व उपराष्ट्रपति गोर ने कहा, 'एक अभियोजक के रूप में कमला हैरिस ने बड़ी तेल कंपनियों को जीता। इतना ही नहीं, उपराष्ट्रपति के रूप में, उन्होंने जलवायु समाधान के क्षेत्र में इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण निवेश, मुद्रास्फीति न्यूनीकरण अधिनियम को पारित करने के लिए निर्णायक मत दिया। व्हाइट हाउस में हमें इस तरह की जलवायु चैंपियन की जरूरत है।'

इन लोगों ने भी किया समर्थन
इससे पहले चार प्रमुख पर्यावरण समूहों ने भी हैरिस की व्हाइट हाउस की दावेदारी को मंजूरी देने की घोषणा की थी। समर्थन करने वाले पर्यावरण समूहों में लीग ऑफ कंजर्वेशन वोटर्स एक्शन फंड, सिएरा क्लब, एनआरडीसी एक्शन फंड और क्लीन एनर्जी फॉर अमेरिका एक्शन शामिल हैं।
'हैरिस फॉर प्रेसिडेंट' अभियान प्रबंधक जूली शावेज रोड्रिग्ज ने कहा, 'उपराष्ट्रपति हैरिस पृथ्वी को जलवायु संकट से बचाने और अच्छी स्वच्छ ऊर्जा नौकरियां बनाने में सबसे आगे रही हैं, जो हमारे भविष्य को शक्ति देंगी और हमारे मध्यम वर्ग को बढ़ाएंगी। हम अपने बच्चों और पोते-पोतियों के लिए हमारे देश की रक्षा करने की लड़ाई में उपराष्ट्रपति गोर और इन प्रमुख पर्यावरण संगठनों का समर्थन पाकर बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं।'

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