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निशिकांत की झारखंड को केंद्र शासित प्रदेश की मांग पर झामुमो का हंगामा

रांची/गोड्डा.

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आज दूसरा दिन है। यह हेमंत सोरेन सरकार का विधानसभा में अंतिम सत्र होने वाला है। सत्र शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ झामुमो ने लोकसभा में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के एक बयान के खिलाफ विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया। दरअसल, दुबे ने झारखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ हिस्सों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने की मांग की थी ताकि बांग्लादेश से घुसपैठ पर रोक लगाई जा सके।

लोकसभा में झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 25 जुलाई को कहा था, 'मैं जिस राज्य से आता हूं, संथाल परगना क्षेत्र से – जब संथाल परगना बिहार से अलग होकर झारखंड का हिस्सा बना, तो साल 2000 में संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी 36 फीसदी थी। आज उनकी आबादी 26 फीसदी है। 10 फीसदी आदिवासी कहां गायब हो गए? यह सदन कभी उनकी चिंता नहीं करता, यह वोट बैंक की राजनीति में लिप्त है। दुबे के मुताबिक एक से दूसरे चुनाव में 15 से 17 फीसदी मतदाता बढ़ जाते हैं। मगर, उनके यहां वृद्धि दर 123 फीसदी है। झारखंड की 25 विस सीटों पर 110 फीसदी से 123 फीसदी तक वृद्धि हुई। यही स्थिति बिहार के सीमांचल के इलाके और बंगाल के मालदा व मुर्शिदाबाद जिलों की है।

दुबे ने एनआरसी लागू करने की मांग की थी
निशिकांत दुबे ने आगे कहा  था, 'घुसपैठ पर झारखंड पुलिस कुछ नहीं कर पा रही है। बिहार के किशनगंज, अररिया, कटिहार जिले, पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया जाए और एनआरसी लागू कर दिया जाए, नहीं तो हिंदू गायब हो जाएंगे। उन्होंने इस दौरान अपील की थी कि और कुछ नहीं हो रहा है, तो वहां सदन की कमेटी भेजकर विधि आयोग की 2010 की रिपोर्ट लागू कर दी जाए कि धर्म परिवर्तन और शादी के लिए अनुमति जरूरी है। लोकसभा में शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए झारखंड के गोड्डा से सांसद दुबे ने बांग्लादेश से घुसपैठ के कारण संसदीय क्षेत्र में जनसंख्या संतुलन में आए बदलाव और साजिश के तथ्य रखे।

झारखंड को बांटना चाहती है भाजपा
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि भाजपा घुसपैठ के नाम पर झारखंड को बांटना चाहती है।

प्रदेश भाजपा ने क्या कहा?
दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि लोकसभा में निशिकांत दुबे ने जो भी कहा वो उनकी निजी टिप्पणी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा का इससे कोई लेना-देना नहीं है। वहीं, भाजपा विधायकों ने विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करते हुए दावा किया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाला सत्तारूढ़ गठबंधन बांग्लादेशी घुसपैठियों को बचा रहा है। भाजपा विधायक अनंत ओझा ने कहा कि संथाल परगना में आदिवासियों की आबादी घट रही है। उन्होंने दावा किया कि आदिवासी छात्रों को पीटा गया, जब उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ रैली करने का फैसला किया। भाजपा विधायकों ने क्षेत्र में एनआरसी लागू करने की मांग की।

झामुमो ने कांग्रेस विधायक के बयान से बनाई दूरी
इस बीच, झामुमो ने कांग्रेस विधायक शिल्पी नेहा तिर्की के उस बयान से दूरी बनाने की कोशिश की, जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार से लोगों की आमद के परिणामस्वरूप झारखंड की जनसांख्यिकी में बदलाव आ रहा है।  राज्य के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि हम जन्म और दिल से झारखंडी हैं। गठबंधन का उनके बयान से कोई लेना-देना नहीं है।

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