ब्रेकिंग न्यूज

UPSC का पूजा खेड़कर पर बड़ा एक्शन, ट्रेनी IAS भी नहीं रहीं, एग्जाम में बैठने पर भी लगाया बैन

नई दिल्ली

 UPSC की नई चेयरपर्सन मिलते ही, आयोग ने पूजा खेडकर मामले में यूपीएससी ने बड़ा एक्शन लिया है, पूजा की ट्रेनिंग कैंसल कर दी गई है, साथ ही यूपीएससी एग्जाम में बैठने पर भी बैन लगा दिया है. यानी अब पूजा दोबारा परीक्षा देकर भी वह एग्जाम पास नहीं कर सकती है. पूजा की ट्रेनिंग से भी बाहर कर दिया गया है. पूजा खेडकर पर कथिर तौर पर फर्जी डॉक्यूमेंट जमा करने के आरोप लगे थे.

कारण बताओ नोटिस जारी, DOPT ने मांगा जवाब

पूजा प्रोबेशन पीडियड में चल रही थी, उनपर फर्जी डॉक्यूमेंट के साथ-साथ अपनी ऑडी पर लाल बती लगाने को लेकर भी घिरी हुईं थी. जानकारी के मुताबिक, इसके बाद अब पूजा को डीओपीटी (डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग) ने उनको कारण बताओ नोटिस दिया गया है, साथ ही इन इल्जामों के बारे में जवाब देने के लिए कहा गया है. इसके लिए उन्हें 2 अगस्त का समय दिया गया है.
2022 में पास की थी यूपीएससी की परीक्षा

पूजी खेडकर अब यूपीएससी की किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगी. यूपीएससी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूजा को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है. लंबे समय से चल रहे इस मामले पर अब यूपीएससी ने कार्रवाई किया है.  पूजा खेडकर ने 2022 की यूपीएससी परीक्षा पास की थी. उन्हें महाराष्ट्र में बतौर ट्रेनी नियुक्त किया गया था. अपनी पहली पोस्टिंग के बाद ही उन्होंने अजीबों-गरीब डिमांड करना शुरू कर दिया था. इसके बाद उनका ट्रांसफर पुणे से वाशिम कर दिया गया था.

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा फर्जी डॉक्यूमेंट्स जमा करने का दोषी पाए जाने के बाद पूजा खेडकर का ट्रेनी आईएएस अधिकारी के रूप में चयन रद्द कर दिया गया है और उन्हें आजीवन प्रवेश परीक्षा देने से रोक दिया गया है। यूपीएससी ने एक बयान में कहा है कि खेडकर को सिविल सेवा परीक्षा के नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया गया है। पूजा खेडकर पर सिविल सेवा परीक्षा में अपनी उम्मीदवारी सुरक्षित करने के लिए विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (गैर-क्रीमी लेयर) कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है।

जांच के बाद हुआ एक्शन

एक बयान में कहा गया है, "संघ लोक सेवा आयोग द्वारा 18 जुलाई, 2024 को सिविल सेवा परीक्षा-2022 (CSE- 2022) की अनंतिम रूप से ट्रेनी उम्मीदवार पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को फर्जी पहचान बताकर परीक्षा नियमों में निर्धारित सीमा से अधिक प्रयास करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।" इसमें कहा गया है कि 34 वर्षीय अधिकारी को 25 जुलाई तक नोटिस का जवाब देना था, लेकिन उसने 4 अगस्त तक का समय मांगा। यूपीएससी ने उसे 30 जुलाई तक का समय दिया और स्पष्ट किया कि यह "अंतिम अवसर" है और "समय में कोई और विस्तार" नहीं दिया जाएगा।

बयान में कहा गया है, "यूपीएससी ने उपलब्ध रिकॉर्ड की सावधानीपूर्वक जांच की है और उसे सीएसई-2022 नियमों के प्रावधानों के उल्लंघन में कार्य करने का दोषी पाया है। सीएसई-2022 के लिए उसकी प्रोविजनल उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है और उसे यूपीएससी की सभी भावी परीक्षाओं/चयनों से भी स्थायी रूप से वंचित कर दिया गया है।"

आगे और होगी कार्रवाई

उन्हें यह भी बताया गया कि यदि समय सीमा तक कोई जवाब नहीं मिलता है, तो यूपीएससी कार्रवाई करेगा। पैनल ने बयान में कहा है, "उन्हें दिए गए समय विस्तार के बावजूद, वह निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने में विफल रही।" ट्रेनी IAS पूजा खेडकर निर्धारित समय सीमा तक मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में रिपोर्ट करने में विफल रही। पूजा खेडकर को 23 जुलाई तक संस्थान में शामिल होने का आदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने रिपोर्ट नहीं कीं। दिल्ली में उनके खिलाफ FIR दर्ज होने के बाद से खेडकर लापता हैं।

दिल्ली की एक अदालत ने धोखाधड़ी और जालसाजी के मामले में आरोपी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की ट्रेनी अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। दिल्ली की अदालत ने पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर कल यानी 1 अगस्त को शाम 4 बजे अपनी आदेश सुनाया जाएगा।

पूजा ने यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और बेंचमार्क विकलांग व्यक्तियों (PwBD) के लिए निर्धारित कोटा का कथित रूप से दुरुपयोग करने के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद अंतरिम जमानत मांगी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *