ब्रेकिंग न्यूज

खेलीफ के खिलाफ टिप्पणियों ने ‘एलजीबीटीक्यू-प्लस’ और महिला एथलीटों को लेकर चिंता बढ़ाई

पेरिस
 पेरिस ओलंपिक में महिला मुक्केबाज इमान खेलीफ को ट्रांसजेंडर या पुरुष के रूप में गलत पहचान बताने वाली घृणित टिप्पणियों को लेकर ‘एलजीबीटीक्यू – प्लस’ एथलीटों, अधिकारियों और पर्यवेक्षकों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की मानसिकता इस समुदाय और महिला खिलाड़ियों के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

‘एलजीबीटीक्यू – प्लस’ ‘लेस्बियन’, ‘गे’, ‘बाइसेक्शुअल’, ‘ट्रांसजेंडर’, ‘क्वीर’, ‘इंटरसेक्स’ और ‘एसेक्सुअल’ और अन्य लोगों से संबंधित है।

इस मुद्दे पर अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से लेकर ‘हैरी पॉटर’ की लेखिका जे.के. रॉलिंग जैसे लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

अल्जीरिया की खेलीफ पेरिस ओलंपिक के मुक्केबाजी स्पर्धा में गुरुवार को इटली की प्रतिद्वंद्वी एंजेला कारिनी के मुकाबले के महज 46 सेकेंड बाद हटने से पहले दौर का मुकाबला जीत गईं।

कारिनी ने मुकाबला बीच में छोड़कर हटने के बाद कहा कि वह खेलीफ के खिलाफ कोई राजनीतिक भाव भांगिमा नहीं दिखा रही थी। इस मुकाबले से हटने के बाद उनकी नम आंखें सोशल मीडिया पर वायरल हो गयी और लोगों ने उनके प्रति सहानुभूति दिखायी।

 सोशल मीडिया टिप्पणियों में कहा गया कि खेलीफ एक महिला से मुक्केबाजी करने वाला पुरुष था।

इस तरह की टिप्पणियों के बाद खेलीफ और ताइवान की मुक्केबाज लिन यू-टिंग के महिला वर्ग में खेलने को लेकर सामाजिक विवाद बढ़ गया।

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने शुक्रवार को कहा कि खेलीफ ‘महिला के रूप में पैदा हुई थी, महिला के तौर पर पंजीकृत है, उसने अपना जीवन एक महिला के रूप में बिताया, एक महिला के रूप में मुक्केबाजी की और उसके पास एक महिला पासपोर्ट है।’’

उन्होंने चेतावनी दे हुए कहा, ‘‘इसका इस्तेमाल किसी के प्रति नफरत फैलाने के लिए नहीं किया जाना चाहिये।’’

कुछ खिलाड़ियों और ‘एलजीबीटीक्यू – प्लस’ पर्यवेक्षकों ने चिंता जताई है कि आलोचकों की घृणित टिप्पणियां के बीच आईओसी इस मुद्दें को संबोधित करने में विफल रहा है। उन्होंने कहा कि समावेशी की वकालत करने वाले ओलंपिक कार्यक्रम के दौरान ट्रांसजेंडर और ‘एलजीबीटीक्यू – प्लस’ समुदाय के लोगों को अपमानित किया जा रहा है।

पेरिस ओलंपिक ने समावेश के एजेंडे को आगे बढ़ाया है और रिकॉर्ड 193 ‘एलजीबीटीक्यू – प्लस’ एथलीट खुले तौर पर प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

अमेरिकी ओलंपिक टीम के लिए महिला वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने वाली दुनिया की शीर्ष मध्यम दूरी की धावकों में से एक निक्की हिल्ट्ज को भी ऐसी घृणित टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है। जन्म के समय निर्दिष्ट महिला, हिल्ट्ज की पहचान ‘नॉन-बाइनरी (जिसका कोई लिंग नहीं है)’ के रूप में है।

उन्होंने ‘इंस्टाग्राम’ पर लिखा, ‘‘इन ओलंपिक में ‘ट्रांसफोबिया’ अपने चरम पर है। ट्रांस-विरोधी बयानबाजी महिला-विरोधी है। ये लोग महिलाओं के खेल की रक्षा नहीं कर रहे हैं, वे कठोर लिंग मानदंडों को लागू कर रहे हैं, और जो कोई भी उन मानदंडों के मुताबित नहीं है उसपर निशाना साधा जा रहा है और उसे अपमानित किया जाता है।’’

ओलंपिक में ‘एलजीबीटीक्यू-प्लस’ की भागीदारी पर नजर रखने वाली साइट ‘आउटस्पोर्ट्स’ के सह-संस्थापक सीड जिग्लर जैसे कुछ लोगों का कहना है कि खेलों से पहले स्पष्टता प्रदान करने में आईओसी की विफलता ने महिला एथलीटों और ‘एलजीबीटीक्यू-प्लस’ प्रतियोगियों को नुकसान पहुंचाया है, दोनों ने मान्यता के लिए लंबे समय से संघर्ष किया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुद्दा यह नहीं है कि एथलीट प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा है, मुद्दा यह है कि कौन नीति बना रहा है। इसका निराशाजनक पहलू यह है कि पिछले दो दिनों से इन खिलाड़ियों पर निशाना साधा जा रहा है।’’

 खेलीफ एमेच्योर मुक्केबाज हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) की 2022 विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीता था। पिछले साल की विश्व चैम्पियनशिप में उन्हें स्वर्ण पदक मैच से ठीक पहले ‘डिस्क्वालीफाई’ घोषित कर दिया था क्योंकि जांच में दावा किया गया कि उनके टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ा हुआ था। आईबीए ने इसी तरह के मामले में लिन से कांस्य पदक वापस ले लिया था।

आईओसी ने हालांकि 2019 में आईबीए को नेतृत्व, अखंडता और वित्तीय पारदर्शिता में गड़बड़ी जैसे मामलों को लेकर आईओसी ने 2019 से ओलंपिक कार्यक्रम से अलग कर दिया है। आईओसी का कार्यबल तोक्यो ओलंपिक के बाद पेरिस में भी मुक्केबाजी का संचालन कर रहा है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *