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बढ़ीं जीतू पटवारी की मुश्किलें , MP हाईकोर्ट से लगा तगड़ा झटका, बचाव में दिए सारे तर्क खारिज

जबलपुर
 मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भाजपा नेत्री इमरती देवी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. इसके खिलाफ भाजपा नेत्री ने डबरा में एफआईआर दर्ज करवाई थी. पुलिस ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि जब उन्होंने कथित अपराध किया, वह विधायक नहीं थे और वर्तमान में भी विधायक नहीं हैं. इसलिए उनके खिलाफ एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जाना चाहिए.
एमपी-एमएलए कोर्ट गठित करने का उद्देश्य बताया

एकलपीठ ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अश्विनी कुमार उपाध्याय बनाम भारत संघ के संबंध में पारित आदेश का समीक्षा करते हुए कहा "इसके पीछे मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि निर्वाचित प्रतिनिधियों (सांसदों और विधायकों) के खिलाफ आपराधिक मुकदमे शीघ्रता से समाप्त हो जाएं. इसके अलावा विशेष विचार की आवश्यकता केवल देश में राजनीति में अपराधीकरण की बढ़ती लहर के कारण और निर्वाचित प्रतिनिधियों (वर्तमान या पूर्व) के पास प्रभावी अभियोजन को प्रभावित करने या बाधित करने की शक्ति के कारण हैं."
पूर्व विधायक भी मामले को प्रभावित कर सकता है

सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार "वर्तमान एवं पूर्व विधायकों एवं सांसदों के मुकदमों की सुनवाई के लिए मध्य प्रदेश राज्य में विशेष न्यायालयों की स्थापना की गई है. विशेष न्यायालयों की स्थापना का उद्देश्य वर्तमान एवं पूर्व विधायकों एवं सांसदों द्वारा या उनके विरुद्ध दर्ज मुकदमों की सुनवाई में तेजी लाना है." याचिकाकर्ता पूर्व विधायक हैं लेकिन अपराध के समय वह विधायक नहीं था और वर्तमान में भी विधायक नहीं है. अपराध की प्रासंगिक तारीख के अनुसार अभियुक्त पर विशेष न्यायालय द्वारा मुकदमा चलाया जाना है या नहीं, इसकी व्याख्या करना विशेष न्यायालयों की स्थापना के उद्देश्य को ही विफल कर देगी.
मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दिया

ये भी कहा गया "अभियुक्त की स्थिति महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि महत्वपूर्ण पहलू वह शक्ति है जिसका वह आनंद लेता है जो गवाहों को प्रभावित या प्रभावी अभियोजन को बाधित कर सकती है." एकलपीठ ने मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश का हवाला देते हुए कहा कि विशेष न्यायालयों के पास पूर्व और वर्तमान विधानमंडलों के खिलाफ सभी मामलों की सुनवाई करने का अधिकार क्षेत्र है, भले ही ऐसे अपराध किए जाने के समय उनकी स्थिति कुछ भी हो. एकलपीठ ने सुनवाई के बाद प्रकरण एमपी-एमएलए विशेष कोर्ट में प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए.

इमरती देवी ने जारी किया था वीडियो
इस वाकये के बाद पूर्व मंत्री इमरती देवी ने भी वीडियो जारी कर अपनी बात कही थी. उन्होंने कहा था, ‘कांग्रेसियों के लिए मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि उन्हें सद्बुद्धि दे. एक दलित महिला के बारे में ऐसा बोलना शोभा नहीं देता है. मैं कुछ ज्यादा नहीं बोलना चाहती, क्योंकि उन्होंने मुझे सदैव बड़ी बहन कहा है. भगवान ने उनकी बुद्धि खराब कर दी है, इसलिए ऐसा बोल रहे हैं. वह तो बहुत छोटे हैं. उनके बड़े नेता कमलनाथ मुझे आइटम कहते हैं, दिग्विजय सिंह टंच माल कहते हैं. कांग्रेसी तो शुरू से ऐसे ही बोलते आ रहे हैं. मैं एसपी के पास जाऊंगी, एफआईआर कराऊंगी. उन्हें छोडूंगी नहीं. इमरती को इतना सस्ता न समझें कि कभी भी कुछ भी बोल दें. मैं अपनी सरकार से भी कहूंगी कि मुझे न्याय दो.’

 

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