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राजस्थान-भीलवाड़ा में व्यापारिक प्रतिष्ठान रहे बांग्लादेश हिंसा के विरोध में बंद

भीलवाड़ा.

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के विरोध में भीलवाड़ा में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ। संत व सनातन धर्म समाज द्वारा आयोजित इस आंदोलन में संतों और महात्माओं के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की मांग की गई है।

प्रदर्शन की शुरुआत प्रातः 9 बजे अयोध्या नगरी, शहीद चौक से हुई। यहां संत समुदाय, सर्वसमाज संगठन के सदस्य और नागरिक एकत्रित हुए और रैली के रूप में धान मंडी, बड़ा मंदिर, सर्राफा बाजार, मुख्य बाजार, गोल प्याऊ और स्टेशन चौराहा होते हुए मुखर्जी उद्यान पहुंचे। रैली के दौरान जनसमूह भगवा पताकाएं लहरा रहा था और हिंदू एकता जिंदाबाद जैसे नारे लगाए जा रहे थे। रैली में शामिल प्रमुख संतों में महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन, महंत बाबूगिरी, महंत बनवारीशरण काठिया बाबा, संत पंच मुरारी, महंत रामदास रामायणी और संत परमेश्वरदास शामिल हुए। इनके साथ ही भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी, विहिप के ओमप्रकाश बूलिया, बजरंग दल के अखिलेश व्यास, सनातन सेवा समिति के अशोक मूंदड़ा और कई अन्य संगठनों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की भर्त्सना की गई है और बांग्लादेश में हिंदू धार्मिक स्थलों, घरों, व्यावसायिक संस्थानों और महिलाओं पर हो रहे हमलों का विरोध किया गया है। ज्ञापन में भारत सरकार से बांग्लादेश में पीड़ित हिंदू अल्पसंख्यकों को भारत लाने और उन्हें भारतीय नागरिकता देने की मांग की गई है। भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने प्रदर्शनकारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह रैली सर्वसमाज और संगठनों को जागरूक करने का एक प्रयास है। उन्होंने भीलवाड़ा की जनता का व्यापारिक प्रतिष्ठानों को दोपहर 12 बजे तक बंद रखने के लिए आभार व्यक्त किया।

महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने उद्बोधन में बांग्लादेश की स्थिति को चिंताजनक बताते हुए कहा कि हिंदू समाज को सजग और जागरूक रहना चाहिए। उन्होंने इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने की भी बात की।

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