मेडिकल स्टोर खोलने से हुआ सुमित की बेरोजगारी का स्थायी निदान

मेडिकल स्टोर खोलने से हुआ सुमित की बेरोजगारी का स्थायी निदान

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना से मिला सहारा

भोपाल

बेरोजगारी एक प्रकार की आर्थिक बीमारी ही होती है। बेरोजगार व्यक्ति हताशा की ओर बढ़ने लगता है। बेरोजगारी का निदान जितना जल्दी हो जाये, उतना ही अच्छा। मण्डला जिले के बिछिया के रहने वाले सुमित रजक भी बेरोजगार ही थे। जरूरी डिग्री हासिल करने के बाद सरकारी सेवक बनने का प्रयास कर रहे थे, पर कहीं भी सफलता नहीं मिली।

निराशा के इन्हीं दिनों में सुमित के पिता को भारतीय स्टेट बैंक बिछिया से मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की जानकारी मिली। पिता से रायशुमारी कर सुमित ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र मण्डला के सहायक प्रबंधक से मिलकर इस योजना में ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन कर दिया। बैंक ने भी देरी नहीं की और सुमित को तीन लाख रूपये का स्वरोजगार ऋण दे दिया।

बेरोजगारी से परेशान सुमित को स्थायी रोजगार के लिए बड़ा सहारा मिल गया। ऋण राशि से उसने मेडिकल स्टोर खोला। दवाइयां सबकी बारहमासी जरूरत होती ही हैं। बस, सुमित का मेडिकल स्टोर भी अच्छे से चल पड़ा। इस मेडिकल स्टोर से सुमित को समुचित आवक होने लगी। अब वे अपनी सारी जिम्मेदारियां भी बखूबी पूरी कर रहे हैं। इस योजना ने उसकी बेरोजगारी का पुख्ता निदान कर दिया है। सुमित इस अभिनव योजना के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का बार-बार आभार जताते हैं।

 

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