नई दिल्ली
जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राहत के लिए और ज्यादा इंतजार करना होगा। सीबीआई केस में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। सीबीआई की ओर से और समय की मांग की गई थी जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया और मामले को 5 सितंबर को सूचीबद्ध करने को कहा।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भूइयां की पीठ के सामने सीबीआई की ओर से पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने एक मामले में जवाब दाखिल कर दिया है, जबकि दूसरे मामले में जवाब दाखिल करने के लिए समय की आवश्यकता है। केजरीवाल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सीबीआई की मांग का विरोध करते हुए कहा कि वह बहस के लिए तैयार हैं।
जस्टिस कांत ने कहा कि एक केस में शपथ पत्र दायर हो चुकी है दूसरी याचिका पर जवाब के लिए सीबीआई को एक सप्ताह का समय और दिया जाता है। कोई पत्युत्तर हो तो उसके दो दिन बाद दाखिल करें। मामले को 5 सितंबर 2024 को सूचीबद्ध किया जाए। केजरीवाल ने गिरफ्तारी को चुनौती देने के साथ जमानत के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
केजरीवाल की याचिका का विरोध करते हुए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है। सीबीआई ने विवादित आबकारी नीति के निर्माण और लागू किए जाने में अरविंद केजरीवाल की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा है कि जांच को निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए केजरीवाल की गिरफ्तारी जरूरी थी। खासतौर पर इसलिए कि सबूतों के बावजूद वह सहयोग नहीं कर रहे थे। गुरुवार रात सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाब में सीबीआई ने कहा है कि केजरीवाल साजिश का हिस्सा थे।
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। 21 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। लेकिन सीबीआई केस में गिरफ्तारी की वजह से वह जेल से बाहर नहीं निकल पाए हैं। इससे पहले हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को सही करार देते हुए जमानत से इनकार कर दिया था। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार करते हुए सीबीआई को जवाब दाखिल करने को कहा था।