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छत्तीसगढ़-बलरामपुर में दशकों बाद बोहला बांध पानी से भरा

बलरामपुर.

बलरामपुर रामानुजगंज नगर सीमा से महज 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित नगर के जलस्तर को बनाए रखने वाली रामानुजगंज जलाशय जिसे सब बोहला बांध के नाम से जानते हैं। 30 वर्षों के बाद यहा लबा लब  पानी भरा है। पानी भरने के बाद रामानुजगंज जलाशय की खूबसूरती देखते बन रही है। सुबह से लेकर देर शाम तक यहां की खूबसूरती देखने के लिए लोगों का भीड़ उमड़ रही है रामानुजगंज के साथ-साथ पड़ोसी राज्य झारखंड एवं पूरे जिले से लोग यहां घूमने पहुंचे रहे हैं।

गौरतलब है कि रामानुजगंज जलाशय विगत 3 दशकों से उपेक्षा का दंश  क्षेल  रहा है। जल संसाधन विभाग के भ्रष्टाचार एवं अकर्मणय रवैया के कारण क्षेत्र के अधिकांश जलाशय एवं एनीकट की स्थिति अत्यंत खराब है। प्रत्येक वर्ष जल संसाधन विभाग के द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं परंतु जलाशयों एवं एनीकट की स्थिति जश के तश रह रही है। रामानुजगंज के जल स्तर को बनाए रखने वाली बोहला बांध के मरम्मत के नाम पर बीते 3 दशकों में करोडो रुपए के खर्च हुवे।जो भ्रष्टाचार भेंट चढ़ गय। बांध की स्थिति नहीं सुधरी बीते गर्मी के समय में तो स्थिति ऐसी हो गई थी कि लग रहा था कि बांध सूख जाएगा परंतु बारिश के बाद बांध की स्थिति सुधरी और बीते 15 दिनों से बोहला बांध लबालब पानी से भर गया है जिससे इसकी खूबसूरती देखते बन रही है।

जल संसाधन विभाग की लापरवाही  
पूरे नगर वासियों के द्वारा एवं जनप्रतिनिधियों के द्वारा रामानुजगंज जलाशय की गंभीर स्थिति को देखते हुए जल संसाधन विभाग से इसकी सुध लेने की मांग की थी। परंतु विभाग के अधिकारी देखने तक नहीं गए यदि बांध पर ध्यान दिया जाता तो अभी तस्वीर कुछ और होती।

चार आईएएस बदलना चाहते थे तस्वीर
बलरामपुर रामानुजगंज जिले के सबसे बड़े शहर रामानुजगंज सीमा से नजदीक नगर के जल स्तर बनाए रखने वाले एकमात्र बांध की सुध तात्कालिक कलेक्टर एलेक्स पाल अवनीश शरण एवं तात्कालिक एसडीएम एवं युवा आईएएस रितेश अग्रवाल जगदीश सोनकर ने ली थी। वह यहां की तस्वीर बदलना चाहते थे एवं इसके लिए पहल भी किए थे परंतु सभी के समय के साथ स्थानांतरण के बाद जल संसाधन विभाग भी सो गया। जो पैसा मिला था वह भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ गया।

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