अब प्रदेश के थाने में अपराधी की जाति लिखना जरूरी नहीं, सीएम मोहन यादव का बड़ा ऐलान

भोपाल

राजधानी भोपाल में आयोजित विमुक्त दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बड़ा ऐलान किया है. सीएम ने कहा कि अब थाने में अपराधी की जाति लिखना जरूरी नहीं है. सीएम ने कहा कि अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे नियमों को बदलने की जरूरत है. सीएम डॉ. यादव ने कहा कि अब सिर्फ अपराधी जिम्मेदार होगा, पूरी समाज को अपराध की नजर से नहीं देखा जा सकता.

बता दें क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट 1971 के तहत अंग्रेजों ने खानाबदोश जनजाति को अपराधी घोषित किया था. स्वतंत्रता के बाद इस एक्ट को अगस्त 1949 में रद्द कर दिया और नए एक्ट को आदतन अपराधी अधिनियम 1952 कहा गया. इस दौरान 51 खानाबदोश जाति को अपराधी की सूची से किया था वहीं वर्ष 1996 में घुमंतू जाति अभिकरण का गठन भी किया गया था.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में रहने वाले विमुक्त, घुमन्तु और अर्ध घुमन्तु समुदाय के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का पूरा लाभ दिया जाएगा. प्राचीन काल से घुमंतू और अर्ध घुमंतू जातियों ने साहस और शौर्य के अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए हैं. घुमंतू और अर्ध.घुमंतू जातियों के युवाओं और अन्य प्रतिभाओं को शिक्षा के साथ अच्छे भविष्य और करियर निर्माण के लिए राज्य सरकार पूर्ण सहयोग करेगी.

समाज के कल्याण के लिए अनेक घोषणाएं
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि इन जातियों को एक स्थान का निवासी घोषित करने के उद्देश्य से एक स्थान मान्य करते हुए मूल मुकाम को दर्ज किया जाएगा. इसके अनुसार आवश्यक अभिलेख तैयार करने में मदद मिलेगी. इससे घुमंतू और अर्ध.घुमन्तु समुदाय की वे जातियां जो वर्तमान में कल्याण योजनाओं के लाभों से छूटी हुई हैं, उन्हें भी योजनाओं का लाभ दिया जा सकेगा. भाटए चारण, बेलदार, पारधी, कुचबंदिया आदि जातियों को भी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाएगा. कबूतरी, कालबेलिया, सिकलीगर, बांछड़ा आदि जातियों के लिए विशेष योजना बनेगी. गड़रिया, लोहार जाति एवं अन्य जातियों के लिए आवश्यकतानुसार आवास व्यवस्था की जाएगी.

प्रधानमंत्री आवास की सौगात
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देते हुए इन जातियों के नागरिकों को बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं दी जाएंगी. युवाओं को आवश्यक प्रशिक्षण का भी लाभ दिया जाएगा. अग्निवीर और अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने पर ध्यान दिया जाएगा. इन जातियों के युवाओं के लिए खेल क्षेत्र में भी आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि संभाग स्तर पर इन जातियों की लोक-संस्कृति को प्रोत्साहन देने के लिए प्रयास किए जाएंगे एवं शहरों में बनने वाले गीता भवनों से भी समाज की जातियों को जोड़ा जाएगा. इन जातियों के लिए मांगलिक भवन भी निर्मित किए जाएंगे एवं उनके विकास के लिए निरंतर संवाद का सिलसिला चलेगा.

पूरी समाज अपराधी नहीं
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आवश्यक सामाजिक रीतियों में समय अनुकूल सुधार की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि समुदाय के कुछ लोगों के अपराध से संलग्न होने पर सम्पूर्ण समुदाय अपराधी नहीं माना जा सकता. बदलते दौर में सजा अपराधी को देने, न कि समाज को देने का भाव भी विकसित हुआ है. कार्यक्रम में बंजारा लोक कलाकार सुश्री रीना पवार ने प्रभावी पारम्परिक नृत्य प्रस्तुत किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रभावी प्रस्तुति के लिये कलाकार रीना पवार को 21 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की.

मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विमुक्ति दिवस समारोह स्थल रवीन्द्र भवन परिसर में प्रदर्शनी का अवलोकन किया. प्रदर्शनी में विमुक्त, घुमन्तु और अर्द्ध घुमन्तु समुदाय के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और विमुक्त, घुमन्तु एवं अर्ध घुमन्तु समुदाय के महापुरुषों, विभूतियों की जीवन गाथा को चित्रों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया.

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