खगड़िया.
शराबबंदी के बाद बिहार में आए दिन जहरीली शराब से मौत की खबर सुर्खियां बटोरती हैं। बावजूद सूबे के हर जिले और कस्बों में जहरीली देसी शराब का कारोबार फल फूल रहा है। इससे खगड़िया भी अलग नहीं है। गांव और कस्बा तो छोड़िए खगड़िया मुख्यालय भी इससे अछूता नहीं है। शहर के नगर थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर शराब विक्रेता लोगों को ग्लासों में जहर पड़ोस रहे हैं। इनका दावा है कि पुलिस मैनेज हो जाती है।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि शहर के बीचों बीच जहरीली शराब का धंधा बेधड़क बिना किसी भय के फल फूल रहा है। जबकि उक्त जगह से महज 100 मीटर की दूरी पर पुलिस की मौजूदगी है। राजेंद्र चौक स्थित मुर्गा मंडी में मांस कारोबारी के दुकान पर देसी शराब (महुआ) बेचने वाला धंधेबाज के बारे में पता चला। मांस कारोबारी के कहने पर वह धंधेबाज देशी देसी शराब बेचने की बात को स्वीकार कर अपने गुप्त ठिकाने पर ले गया। जहां पहले से कई लोग उसका इंतजार कर रहे थे। शराब कारोबारी की हरकत 'अमर उजाला' के गुप्त कैमरे में रिकॉर्ड हो रहा था। उसने एक ठाठ से प्लास्टिक के बोतल (पानी का बोतल) से देसी शराब को निकाल कर ग्राहक को पड़ोसने लगा।
दिन से लेकर देर रात तक हो रहा कारोबार
स्थानीय लोगों का कहना है कि राजेंद्र चौक स्थित मुर्गा और मांस मंडी सहित शहर के कई स्थानों में वर्षों से देसी शराब का धंधा किया जा रहा है। जो शहर के राजेंद्र चौक के आलावा बलुआही अघोरी स्थान, बखरी बस स्टैंड चौक और मथुरापुर के गांधी चौक पर हो रहा है। विडंबना यह है कि यह तीनो स्थान पर नगर थाना पुलिस की मौजूदगी है। 'अमर उजाला' ने जब राजेंद्र चौक स्थित मुर्गा और मांस मंडी में इसकी पड़ताल की तो स्टिंग में धंधेबाज ने पुलिस के पैसे लिए जाने का दावा किया। धंधेबाज ने कहा कि पुलिस उससे खर्च की वसूली करती है।
मेरी संज्ञान में अभी आया, यह बर्दाश्त नहीं: डीएसपी
मामले में डीएसपी सह नगर थाना अध्यक्ष अनुपेश नारायण ने कहा कि मुझे 'अमर उजाला' के माध्यम जानकारी मिली है। जो मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा। इस मामले में अगर सच्चाई है तो मैं खुद संबंधित लोगों और पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करूंगा। 'अमर उजाला' का धन्यवाद जिसने मुझे इसकी जानकारी दी है।