पटना
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी पर पैसा लेकर टिकट बेचने का आरोप लगाकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता व बिहार के उप-मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने माहौल गरमा दिया है। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा ने आरोप लगाया कि खुद को सन ऑफ मल्लाह कहने वाले मुकेश सहनी मल्लाह को टिकट नहीं देते थे और माल लेकर चुनावल लड़ने के लिए कैंडिडेट बनाते थे। इस पर सहनी की पार्टी वीआईपी के प्रवक्ता देव ज्योति ने विजय सिन्हा के पारिवारिक दवा व्यापार के विकास पर सवाल उठाते हुए कहा है कि विधानसभा में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तकरार हो गई थी उसके बाद ये डायपर पहनकर सदन जाते थे।
विजय सिन्हा ने बुधवार को पटना में कहा था- “एक प्रोफेशनल आदमी हैं, मुंबई से आए हैं, सन ऑफ मल्लाह कहते थे लेकिन एक भी मल्लाह को टिकट नहीं देते थे। सारी सीट किसके हवाले करते थे, जो माल देता था।" राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव के साथ मुकेश सहनी की हेलिकॉप्टर में मछली और दूसरी चीजें खाने की तरफ इशारा करते हुए विजय सिन्हा ने कहा था कि मुकेश सहनी ने सोने का चम्मच लेकर जम्न लेने वाले तेजस्वी के साथ दोस्ती की और दोनों चार्टर्ड विमान पर बर्थडे और पिकनिक मनाते हैं।
नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए विजय सिन्हा ने कहा था कि नीतीश कुमार कभी चार्टर्ड विमान पर पिकनिक नहीं मनाए। लगातार जिलों का दौरा और विभागों की समीक्षा करते हैं, पूरी मुस्तैदी से सरकार चलाने के लिए सजग रहते हैं। उन्होंने कहा था कि जो हड़बड़ी में हैं, वो कभी उम्र का, कभी बीमारी का, कभी अराजकता, अपराध और भ्रष्टाचार का बहाना खोज रहे हैं। नीतीश अपराध और भ्रष्टाचार के पक्ष में कभी नहीं रहे। इसमें कोई शंका नहीं है कि वो जब तक सीएम हैं, तब तक ईमानदारी से जनता की सेवा के भाव से काम कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि नीतीश अटल बिहारी वाजपेयी की पाठशाला से सुशासन सीखकर आए हैं।
मुकेश सहनी पर टिकट बेचने के आरोप पर वीआईपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता देव ज्योति ने विजय सिन्हा पर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में नीतीश ने स्पीकर रहते विजय को फटकारा था, उसके बाद वो डायपर पहनकर विधानसभा जाते थे। उन्होंने कहा- “जब विधानसभा में नीतीश कुमार छुड़छुड़ी छुड़ा रहे थे, उसके बाद ये डायपर पहनकर विधानसभा जाते थे। मुकेश सहनी संघर्ष करके अपने पैरों पर खड़ा होकर निषाद समाज का आवाज बुलंद कर रहे हैं। आपके जैसा कोई दवा का व्यापार नहीं है मुकेश सहनी का। कहां आपका दुकान था 15 साल पहले, कहां आज है। ईडी-सीबीआई का नजर है उस पर। सत्ता बदलते समय नहीं लगता है।"मुकेश सहनी की पार्टी ने पहली बार 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था जब वो महागठबंधन के साथ थे। वीआईपी को तीन सीट मिली थी जिसमें मुकेश समेत कुल दो कैंडिडेट सहनी थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में मुकेश एनडीए के साथ थे और उनको 11 सीट मिली। इसमें 2 कैंडिडेट ही सहनी थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन ने उनको फिर तीन सीट दी जिसमें कोई भी कैंडिडेट सहनी नहीं था। मुकेश सहनी 2019 और 2020 का चुनाव लडे़ लेकिन हार गए। मुकेश को एनडीए सरकार ने एमएलसी बनाकर मंत्री बनाया था लेकिन यूपी चुनाव में बीजेपी के खिलाफ लड़ने के बाद दोनों चीज छिन गई।