केंद्र सरकार कांस्टेबल बहाली की दौड़ में 15 युवाओं की मौत की जांच में सहयोग करे : हेमंत सोरेन

रांची
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य में उत्पाद विभाग में कांस्टेबल बहाली की दौड़ में 15 से ज्यादा नौजवानों की मौत कैसे हो गई, हम इसकी जांच में तह तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। कोविड के बाद शारीरिक दक्षता वाले ऐसे इम्तिहान में बड़ी संख्या में नौजवानों की मृत्यु चिंता का विषय है। झारखंड के युवा इतने कमजोर नहीं हो सकते हैं कि वह पांच-दस किलोमीटर चल-दौड़ ना सकें। उन्होंने कहा कि हमने इसके लिए केंद्र से जांच में मदद मांगी है कि आखिर इसके पीछे की वजह क्या है कि इतनी बड़ी संख्या में हमारे नौजवानों की मौत हुई। इस मामले में केंद्र के स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा गया है।

सीएम सोरेन ने झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में नवनियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देने के लिए रांची में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि नौजवानों की मौत से हम चिंतित और उदास हैं। अमूमन ऐसी घटनाएं देखने-सुनने को नहीं मिलतीं। आगे भी बड़े पैमाने पर ऐसे नियुक्तियां होनी हैं, जिसमें शारीरिक दक्षता की परीक्षा होगी। ऐसे में हमारे सामने बड़ी चुनौती है, ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए हमें तह में जाना होगा।  

उन्होंने कहा कि 2019 में सरकार बनाने के साथ ही हमें कई चुनौतियों से जूझना पड़ा। दो साल तो कोविड में उलझे रहे। इसके बाद जब विभागों में नियुक्तियों के लिए समीक्षा शुरू हुई तो पता चला कि 19 सालों में कई संवर्गों में बहाली के लिए नियमावली ही नहीं बनी है। हमारी सरकार ने नियमावलियां बनाकर प्रत्येक विभाग में नियुक्तियों का सिलसिला तेज किया है। सरकारी विभागों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में भी सरकार ने बड़ी संख्या में युवाओं को नियुक्तियां दिलवाई हैं। झारखंड में जेपीएससी सिविल सर्विस की परीक्षा की प्रक्रिया हमने रिकॉर्ड समय में संपन्न कराई।

सोरेन ने राज्य में हाल में आयोजित जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा को लेकर उठे विवाद पर कहा कि इस मामले में मीडिया ट्रायल चल रहा है। वास्तविकता का अता-पता नहीं है, लेकिन मीडिया में सरकार पर कालिख पोतने की कोशिश चल रही है। हम लोगों ने बिल्कुल संकल्पित होकर काम किया है। उसी का नतीजा है कि अब निरंतर हमलोग नियुक्तियां कर रहे हैं।

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