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जयशंकर से पाकिस्तान यात्रा पर पूछा सवाल तो बोले पहले मुझे वहां से वापस आने दो, फिर आप इसके बारे में पूछना

नई दिल्ली
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाकिस्तान यात्रा को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। वह एससीओ की बैठक में शामिल होने के लिए इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे। उनसे जब इस यात्रा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस दौरान पाकिस्तान से किसी भी तरह की चर्चा नहीं होगा। जययशंकर से पूछा गया कि 'हम आपके हैं कौन' और 'हम साथ-साथ हैं' जैसी हिंदी फिल्मों के कौन से शीर्षक भारत-पाकिस्तान के संबंधों को सटीक तरीके से दर्शाते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पहले मुझे वहां से वापस आने दो, फिर आप इसके बारे में पूछना।

असमिया समाचार चैनल द्वारा आयोजित प्रतिदिन टाइम कॉन्क्लेव में जयशंकर ने कहा, "मेरे लौटने के बाद मुझसे यह पूछना"। विदेश मंत्री ने कहा: "आप जानते हैं कि मैं पाकिस्तान जा रहा हूं। मैं फिलहाल उस फिल्म का शीर्षक नहीं बताऊंगा। मेरे लौटने के बाद मुझसे पूछिए। मैं बताऊंगा।" लोगों के लिए यह थोड़ा आश्चर्यजनक था। दर्शकों को उम्मीद थी कि वे 'हम आपके हैं कौन' का विकल्प चुनेंगे। लेकिन पाकिस्तान पर कटाक्ष करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ने वाले एस जयशंकर ने कूटनीति का विकल्प चुना।

शासन पर सरदार पटेल व्याख्यान देने के बाद आईसी सेंटर फॉर गवर्नेंस में जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के लिए इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के साथ किसी भी द्विपक्षीय बैठक की संभावना से इनकार किया था। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मीडिया की इसमें बहुत रुचि होगी क्योंकि रिश्ते की प्रकृति ही ऐसी है और मुझे लगता है कि हम इससे निपट लेंगे। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि यह एक बहुपक्षीय कार्यक्रम होगा।

जयशंकर ने कहा, “मेरा मतलब है कि मैं भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए वहां नहीं जा रहा हूं। मैं एससीओ का एक अच्छा सदस्य बनने के लिए वहां जा रहा हूं। चूंकि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।” आपको बता दें कि जयशंकर 15 और 16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में एससीओ सरकार प्रमुखों की बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले हैं। आम तौर पर प्रधानमंत्री उच्च स्तरीय राष्ट्र प्रमुखों की बैठक में जाते हैं और सरकार प्रमुखों की बैठक में भारतीय पक्ष का नेतृत्व कोई एक मंत्री करता है। दिसंबर 2015 के बाद यह किसी भारतीय मंत्री की पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। जयशंकर से पहले सुषमा स्वराज अफगानिस्तान पर हार्ट ऑफ एशिया मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए वहां गई थीं।

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