रांची
जमीन घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का केस मैनेज करने के नाम पर करोड़ों की वसूली के मामले में ईडी ने शनिवार को रांची में एक से ज्यादा ठिकानों पर रेड डाली है। जांच एजेंसी की एक टीम मेन रोड में सुजाता चौक के पास रहने वाले प्रदीप गुप्ता नामक शख्स के आवास की तलाशी ले रही है। इस मामले में आरोपी अधिवक्ता सुजीत कुमार के करीबी लोगों के यहां भी सर्च की सूचना मिल रही है। ईडी ने इसी मामले में 8 अक्टूबर को रांची, धनबाद और पटना में भी कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। धनबाद के डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट ऑफिसर सीपी दिवाकर द्विवेदी, अधिवक्ता सुजीत कुमार, कांके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण और जमीन कारोबारी संजीव पांडेय के ठिकानों पर सर्च के दौरान कई कागजात बरामद किए गए थे।
ईडी ने इसके पहले कांके अंचल के जमीन घोटाले में कमलेश कुमार नामक जमीन कारोबारी को गिरफ्तार किया था। उसके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान इस बात का खुलासा हुआ था कि जमीन घोटाले में रांची के कांके अंचल पदस्थापित रहे कई अंचलाधिकारियों की भी संलिप्तता है।
कमलेश ने अंचल कार्यालय के अफसरों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन के फर्जी कागजात बनाकर अवैध रूप से खरीद-बिक्री की थी। ईडी ने कई अफसरों और कुछ अन्य जमीन कारोबारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की। इस बीच सुजीत कुमार नामक अधिवक्ता द्वारा ईडी को मैनेज करने के नाम पर अफसरों और कारोबारियों से करोड़ों की वसूली का मामला उजागर हुआ।
एक जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर छह करोड़ रुपये ठगी करने का आरोप लगाते हुए एक हफ्ते पहले पंडरा थाने में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में बताया गया है कि सुजीत कुमार ने वादा किया था कि ईडी की चार्जशीट में उनका नाम नहीं आएगा। इसके एवज में उसने कथित तौर पर कांके के पूर्व सीओ और धनबाद डीटीओ दिवाकर द्विवेदी, नामकुम के पूर्व सीओ प्रभात भूषण सिंह और कांके सीओ रहे जयकुमार राम से साढ़े छह करोड़ रुपए वसूले। यह मामला सामने आते ही ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है।