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केंद्र सरकार के कर्मियों को दीवाली से पहले मिलेगा 30 दिनों का एडहॉक बोनस

नई दिल्ली

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा 10 अक्तूबर को जारी आदेश के अनुसार, एडहॉक बोनस के तहत जो रकम दी जाती है, उसका निर्धारण करने के लिए एक नियम बनाया गया है। कर्मियों का औसत वेतन, गणना की उच्चतम सीमा के अनुसार, जो भी कम हो, उसके आधार पर यह बोनस जोड़ा जाता है। यदि किसी कर्मी को सात हजार रुपये मिल रहे हैं, तो उसका 30 दिनों का मासिक बोनस लगभग 6908 रुपये रहेगा। इस तरह के बोनस का फायदा, केंद्र सरकार के उन कर्मचारियों को ही मिलेगा, जो 31 मार्च 2024 को सेवा में रहे हैं। उन्होंने साल 2023-24 के दौरान कम से कम छह महीने तक लगातार ड्यूटी दी है। इन आदेशों के तहत तदर्थ बोनस का भुगतान केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों और सशस्त्र बलों के पात्र कर्मचारियों के लिए भी स्वीकार्य होगा। ये आदेश संघ राज्य क्षेत्र प्रशासन के उन कर्मचारियों पर भी लागू माने जाएंगे, जो परिलब्धियों के संबंध में केन्द्र सरकार की पद्धति का अनुसरण करते हैं। इसके अलावा वे कर्मचारी, किसी अन्य बोनस या अनुमग्रह स्कीम के अंतर्गत नहीं आते हैं।

इन आदेशों के अंतर्गत भुगतान के लिए केवल वे कर्मचारी पात्र होंगे, जो 31.03.2024 को सेवा में थे और जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान न्यूनतम छह महीने तक लगातार सेवा की है। वर्ष में छह महीने से लेकर पूरे एक वर्ष तक लगातार सेवा की अवधि के लिए पात्र कर्मचारियों को यथा-अनुपात भुगतान किया जाएगा। पात्रता-अवधि की गणना, सेवा के महीनों (महीनों की निकटतम पूर्णांकित संख्या) के रूप में की जाएगी। गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की मात्रा की गणना औसत परिल्बधियों/गणना की उच्चतम सीमा, इनमें से जो भी कम हो, के आधार पर की होगी। एक दिन के लिए गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की गणना करने के लिए, एक वर्ष की औसत परिलब्धियों को 30.4 (एक महीने के औसत दिनों की संख्या) से विभाजित किया जाएगा। इसके बाद दिए जाने वाले बोनस के दिनों की संख्या से इसको गुणा किया जाएगा। उदाहरण के लिए, मासिक परिलब्धियों की उच्चतम गणना सीमा को 7000/- रुपए (जहां वास्तविक औसत परिलब्धियां 7000/- रुपए से ज्यादा हैं) मानते हुए, 30 दिनों के लिए गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) 7000 x 30/30.4 + 6907.89/- रुपए (पूर्णाकित 6908/- रुपए) बनेगा।

ऐसे दिहाड़ी मजदूर, जिन्होंने 6 कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले दफ़्तरों में पिछले तीन अथवा इससे अधिक वर्षों में हर वर्ष कम से कम 240 दिन (पांच कार्य-दिवसीय सप्ताह वाले कार्यालयों के मामले में 3 या इससे अधिक वर्षों में हर वर्ष 206 दिन) कार्य किया है, इस गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) के भुगतान के पात्र होंगे। देय गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की राशि (1200 रुपए x 30/30.4 अर्थात 1184.21/- रुपए (पूर्णाकित 1184/- रुपए)) होगी। ऐसे मामलों में जहां वास्तविक परिलब्धियां 1200/- रुपए प्रतिमाह से कम हैं, इस राशि की गणना वास्तविक मासिक परिलग्धियों के आधार पर होगी। इन आदेशों के अंतर्गत सभी भुगतान निकटतम रुपए में पूर्णाकित किए जाएंगे। 

इस मद में होने वाला व्यय दिनांक 16 दिसंबर, 2022 की व्यय विभाग की अधिसूचना के अनुसार संबंधित शीर्ष के नामे डाला जाएगा। गैर-उत्पादकता संबद्ध बोनस (तदर्थ बोनस) की मद में होने वाला व्यय चालू वर्ष के लिए संबंधित मंत्रालयों/विभागों के संस्वीकृत बजट प्रावधान के तहत पूरा किया जाना है। जहां तक भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग में कार्यरत व्यक्तियों का संबंध है, ये आदेश भारत के संविधान के अनुच्छेद 148(5) के तहत यथा अधिदेशित भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के परामर्श से जारी किए गए हैं।

योग्य कर्मचारी, इन शर्तों को जरुर पढ़ लें
वित्त मंत्रालय के आदेश में कहा गया है, जो कर्मचारी अस्थायी तौर से एडहॉक बेस पर नियुक्त हुए हैं, उन्हें भी ये बोनस मिलेगा, बशर्ते उनकी सेवा के बीच कोई ब्रेक न रहा हो। ऐसे कर्मचारी जो, 31 मार्च 2024 को या उससे पहले सेवा से बाहर हो गए, उन्होंने त्यागपत्र दे दिया हो या सेवानिवृत हुए हों, उसे स्पेशल केस माना जाएगा। इसके तहत वे कर्मी, जो अमान्य तरीके से मेडिकल आधार पर 31 मार्च से पहले रिटायर हो गए या दिवंगत हो गए हैं, लेकिन उन्होंने वित्तीय वर्ष में छह माह तक नियमित ड्यूटी की है, तो उसे एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा। इसके लिए संबंधित कर्मचारी की नियमित सेवा की निकटवर्ती संख्या को आधार बनाकर 'प्रो राटा बेसिस' पर बोनस तय होगा।

ये कर्मचारी होंगे बोनस के हकदार

इस बोनस के लिए केंद्र सरकार के वे कर्मचारी हकदार होंगे जो 31 मार्च 2024 तक सर्विस में थे और जिन्होंने वर्ष के दौरान कम से कम 6 महीने की निरंतर सेवा दी है. जो कर्मचारी एक वर्ष से कम समय तक सर्विस कर चुके हैं, उन्हें काम किए गए महीनों के आधार पर बोनस मिलेगा.
कैसे होगा बोनस का कैलकुलेशन

बोनस की राशि की गणना औसत वेतन को 30.4 से विभाजित करके की जाएगी, फिर उसे 30 दिनों से गुणा किया जाएगा. उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की मंथली तनख्वाह 7,000 रुपये है, तो उनका 30 दिनों का नॉन-प्रोडक्टविटी लिंक्ड बोनस लगभग 6,908 रुपये आएगा. जो अस्थायी श्रमिक (Casual laborers) लगातार तीन सालों में हर साल कम से कम 240 दिन काम कर चुके हैं, वे भी इस बोनस के लिए पात्र होंगे. ऐसे श्रमिकों के लिए बोनस 1,200 प्रति माह के आधार पर तय की जाएगी.

आर्डर के अनुसार, सभी पेमेंट को निकटतम रुपये में राउंडेड किया जाएगा और खर्चों को संबंधित मंत्रालयों और विभागों द्वारा उनके स्वीकृत बजट के भीतर कवर किया जाएगा.

केंद्र सरकार ये कर्मी भी होंगे बोनस के पात्र
वे कर्मचारी, जो प्रतिनियुक्ति, विदेश सेवा, केंद्र शासित प्रदेश या किसी पीएसयू में 31 मार्च 2024 को कार्यरत हैं तो उन्हें लेंडिंग डिपार्टमेंट यानी उधार देने वाला विभाग, यह बोनस नहीं देगा। ऐसे केस में उधार लेने वाले संगठन की जिम्मेदारी बनती है कि वह एडहॉक बोनस, पीएलबी, एक्सग्रेसिया और इंसेंटिव स्कीम आदि प्रदान करे, बशर्तें वहां ऐसे प्रावधान चलन में हों। यदि कोई कर्मचारी 'सी' या इससे ऊपर के ग्रेड में है और उसे वित्तीय वर्ष के दौरान बीच में ही विदेश सेवा से वापस बुला लिया जाता है, तो इसे लेकर एडहॉक बोनस का नियम बनाया गया है। इसके तहत वित्तीय वर्ष में विदेशी विभाग से यदि उस कर्मी के मूल विभाग को बोनस और एक्सग्रेसिया राशि मिली है, तो संबंधित कर्मी को वह राशि दे दी जाएगी। रिवर्ट होने के बाद भी यदि कर्मी का केंद्र सरकार की तरफ बोनस बकाया है ऐसी स्थिति में केंद्र सरकार उसके एडहॉक बोनस पर प्रतिबंध लगा सकती है।

रिटायरमेंट के बाद जॉब में हैं तो लागू होगा ये नियम
राज्य सरकार, संघ क्षेत्र और पीएसयू से कोई कर्मचारी यदि रिवर्स डेपुटेशन पर केंद्र सरकार में आता है तो उन्हें एडहॉक बोनस दिया जाएगा। ऐसे कर्मी, जो सरकारी सेवा से रिटायर होने के बाद दोबारा से जॉब में आए हैं, उन्हें नए कर्मचारी मानकर बोनस का निर्धारण होगा। ऐसे कर्मचारी, जो वित्तीय वर्ष के दौरान अर्ध वेतन अवकाश पर हैं, ईओएल पर हैं या शैक्षणिक अवकाश लिए हुए हैं, इन्होंने यदि उक्त अवधि के अलावा नियमों से परे कोई अवकाश लिया है, तो वह अवधि गिनी नहीं जाएगी। हालांकि एडहॉक बोनस के लिए वह पीरियड ब्रेक इन सर्विस, नहीं माना जाएगा। अनुबंध वाले कर्मचारी, जो दूसरे भत्ते जैसे महंगाई भत्ता व अंतरिम राहत आदि के लिए योग्य है, तो उसे एडहॉक बोनस भी मिलेगा। यदि कोई कर्मचारी उक्त भत्तों की श्रेणी में नहीं आता है तो उसे केजुअल लेबर के हिसाब से बोनस दिया जाएगा।

एडहॉक बोनस के लिए पार्ट टाइम कर्मी नहीं होंगे पात्र
यदि कोई कर्मचारी, वित्तीय वर्ष में सस्पेंड रहा है, तो उसके लिए बोनस के अलग नियम बनाए गए हैं। ऐसे कर्मी, जब सेवा में दोबारा आते हैं और उन्हें पहले वाले सभी लाभ मिलते हैं तो उस स्थिति में उन्हें एडहॉक बोनस के योग्य माना जाएगा। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में ट्रांसफर होने वाले कर्मी एडहॉक बोनस के योग्य माने जाएंगे, यदि उनकी सेवा में कोई ब्रेक नहीं है। ऐसे मामले में दोनों विभागों के सर्विस पीरियड को जोड़ा जाएगा। ऐसे कर्मी जो प्रतियोगी परीक्षा पास कर एक विभाग से दूसरे विभाग में चले गए हैं, वे भी एडहॉक बोनस के योग्य होंगे। हालांकि ऐसे मामलों में जो बोनस की राशि दी जाएगी, वह उस विभाग द्वारा जारी होगी, जहां वह कर्मचारी 31 मार्च 2024 को कार्यरत रहा है। वे कर्मचारी, जिन्हें सरकारी विभाग से ट्रांसफर किया गया है, क्या वे एडहॉक बोनस के योग्य होंगे, इस बाबत कहा गया है कि उनका बोनस वह विभाग काउंट करेगा, जहां पर वे 31 मार्च को सेवा में थे।

इन कर्मियों के लिए बोनस मिलने का होगा ये नियम
सामान्य निर्धारित वेतन पर काम करने वाले पार्ट टाइम कर्मियों को यह बोनस नहीं मिलेगा। वे कर्मचारी जो पिछले तीन साल से अलग अलग विभागों में काम कर रहे थे और 31 मार्च 2024 को भी वे किसी विभाग में थे, इनके लिए भी एक नियम बनाया गया है। इनकी योग्यता तीन साल के कार्यकाल से तय होगी। एक साल में 240 दिन के दौरान वे एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में चले गए हों और उन्हें एक्सग्रेसिया या दूसरे भत्ते नहीं मिलें हों, तो उन्हें यह बोनस मिलेगा। यदि कोई केजुअल लेबर है और उसे वित्तीय वर्ष में नियमित किया गया है, लेकिन वह 31 मार्च 2024 को छह माह की नियमित सेवा वाली योग्यता पूरी नहीं करता है, तो उसे एडहॉक बोनस का फायदा नहीं मिलेगा। उसे नियमित कर्मी की भांति इस बोनस का लाभ नहीं दिया जा सकता।

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