बहराइच कांड: प्रभावित महसी तहसील क्षेत्र में सक्रिय रहीं पुलिस और एसपी

बहराइच

बवाल, तोड़फोड़, आगजनी, हिंसा…, हर तरफ अराजकता, रविवार शाम दुर्गा प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा पर पथराव और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आक्रोशित भीड़ का गुस्सा देख पुलिस जवान बैकफुट पर आ गए। इस विकट हालात में एसपी वृंदा शुक्ला ने हेलमेट लगाया। बॉडी प्रोटेक्टर पहना। एलबो व केन शील्ड धारण कर लाठी हाथ में थम डट गईं अग्रिम मोर्चे पर। कमांडर का यह हौसला देख पूरी टीम उत्साहित हुई और फिर उपद्रवियों को खदेड़ना शुरू किया। सोमवार को भी वह पूरे दिन प्रभावित महसी तहसील क्षेत्र में सक्रिय रहीं। पुलिस व पीएसी के साथ गश्त भी कीं।

रविवार शाम से देर रात तक उपद्रव होता रहा। देखते ही देखते पूरा जिला हिंसा की चपेट में आ गया। सोमवार को भी आगजनी और प्रदर्शन होता रहा। इस दौरान भी एसपी ने हालात को नियंत्रित किया और आला अधिकारियों को भी रिपोर्ट देती रहीं। परिणाम रहा कि दोपहर बाद रामगोपाल मिश्रा का अंतिम संस्कार कराया और फिर धीरे-धीरे पूरे जिले में स्थिति सामान्य करने के लिए टीमों को सक्रिय किया। एलआईयू की रिपोर्ट पर सोमवार पूरी रात कार्रवाई में जुटी रहीं। ऐसे में मंगलवार सुबह भय के काले बादल छंटे और लोग घरों से बाहर निकले। दुकानें खुलीं। जनजीवन पटरी पर लौटने लगा। इस दिन भी वृंदा प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय रहीं। शाम होते-होते सब कुछ सामान्य होने लगा। पीड़ितों से मिल हर संभव मदद का भरोसा देती रहीं।

पीड़ित परिवार ने भी कार्रवाई को सराहा
शोभायात्रा के दौरान मारे गए रामगोपाल मिश्रा के परिजनों ने मंगलवार को सीएम योगी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पुलिस कार्रवाई पर संतोष जताया। बताया कि एसपी की त्वरित कार्रवाई से हालात नियंत्रित हुए। अगर वह जरा भी चूक करतीं तो हिंसा की यह आग बहराइच से निकलकर श्रावस्ती, सीतापुर, बलरामपुर और गोंडा तक में फैल सकती थी। ऐसे में एसपी ने विवेक से काम लेते हुए जनपद बहराइच के साथ पूरे देवीपाटन मंडल को भीषण दंगे से बचा लिया।

दो दिन बाद बहराइच शांत, तनाव भी
हिंसा की आग में दो दिन धधकने के बाद बहराइच में मंगलवार को तीसरे दिन पूरी तरह शांति रही। हालांकि, लोगों में दहशत और तनाव कायम है। पूरे नगर में पुलिस और पीएसी मुस्तैद रही। अधिकारी गश्त करते रहे। दोपहर बाद दुकानें भी खुलीं। इस बीच एहतियातन इंटरनेट सेवा बाधित रखी गई है। देर शाम रामगोपाल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आई, रिपोर्ट के मुताबिक, शरीर पर 35 छर्रे लगे थे। धारदार हथियार से वार कर करंट भी लगाया गया था। इससे शॉक एंड हेमरेज से उनकी मौत हो गई थी।
 
बहराइच के महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस के दौरान हुए विवाद और रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद शुरू हुआ बवाल सोमवार रात तक चला। इस दौरान शिवपुर, राजीचौराहा, भगवानपुर, खैरा बाजार समेत अन्य स्थानों पर तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं हुईं थीं। मंगलवार को तीसरे स्थिति सामान्य रही। दुकानें खुलीं और लोग भी घरों से बाहर निकले। प्रभावितों को प्रशासन ने राशन भी वितरित किया।

सड़कों और कस्बे से मलबा किया साफ
हंगामे के दौरान वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया था। दुकानों व घरों में भी तोड़फोड़ की गई थी। मंगलवार को इन सभी मलबों को साफ कराया गया।

चप्पे-चप्पे पर पुलिस, महसी में अधिकारियों का जमावड़ा
महसी तहसील क्षेत्र में पीएसी व पुलिस के जवान तैनात रहे। चौराहों पर भी कड़ा पहरा रहा। एडीजी गोरखपुर जोन केएस प्रताप, कमिश्नर शशि भूषण लाल, डीआईजी अमरेंद्र प्रसाद सिंह, डीएम मोनिका रानी, एसपी वृंदा शुक्ला समेत आला अधिकारी महसी तहसील क्षेत्र में गश्त करते रहे। डीएम व एसपी ने महसी में भी कैंप किया। नेपाल बॉर्डर पर भी अधिकारी पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था परखी।

बहराइच कांड में दो और मुकदमे दर्ज, 52 उपद्रवी गिरफ्तार कर भेजे गए जेल
बहराइच में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने में शामिल 52 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। बहराइच पुलिस ने इस प्रकरण में दो मुकदमे और दर्ज किए हैं। एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने बताया कि संवेदनशील इलाकों में उच्च अधिकारियों के साथ गश्त की जा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर गिरफ्तारी के लिए छापे मारे जा रहे हैं।

बता दें कि हिंसा पर काबू पाने के लिए सीएम योगी के निर्देश पर एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, गृह सचिव संजीव गुप्ता, एडीजी जोन गोरखपुर केएस प्रताप कुमार, मंडलायुक्त देवीपाटन शशि भूषण सुशील आदि अधिकारियों ने मौके पर जाकर एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए, जिससे हालात पर काबू पाया जा सका। हिंसा से प्रभावित इलाकों को नौ सेक्टर में विभाजित कर पल-पल की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की दो शिफ्टों में तैनात किया गया है। इन इलाकों में आने-जाने वालों की चेकिंग और पूछताछ जारी है। बहराइच की डीएम मोनिका रानी ने बताया कि हिंसा प्रभावित इलाकों में प्रधान, कोटेदार, लेखपाल, सचिव आदि की ड्यूटी भी लगाई गई है, जो ग्रामीणों से वार्ता करके जानकारियां जुटा रहे हैं। जनता की मदद के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है। हिंसा से प्रभावित परिवारों को राहत किट प्रदान दी जा रही है। राजस्व टीम द्वारा नुकसान का सर्वे किया जा रहा है ताकि प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद की जा सके।

एडीजी अभिताभ यश ने बताया कि घटना में शामिल उपद्रवियों की धरपकड़ की जा रही है। उनकी हिस्ट्रीशीट खंगालने के लिए एक्स्ट्रा इंटेलिजेंस टीम लगाई गई है। हिंसा प्रभावित इलाकों के साथ पूरे शहर में भी पुलिस बल लगातार गश्त कर रहा है। कुछ संदिग्धों पर विशेष टीम द्वारा नजर रखी जा रही है।

क्या है पूरा मामला
बहराइच की महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में रविवार शाम को गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। इससे दुर्गा प्रतिमा खंडित होने पर पूजा समिति के सदस्यों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया तो दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल मिश्रा (24) को घर के अंदर घसीट ले गए और गोली मार दी। घटना का पूरे जिले में विरोध शुरू हो गया था। विसर्जन कमेटी के लोगों ने बहराइच-सीतापुर हाईवे पर चहलारी घाट पुल के पास जाम लगा प्रदर्शन शुरू कर दिया। बहराइच-लखनऊ हाईवे भी जाम कर दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार शाम महसी तहसील की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया जा रहा था। महराजगंज कस्बे में पहुंचने पर कस्बा निवासी दूसरे सामुदाय के कुछ लोग मौके पर पहुंचे और गाली गलौज शुरू कर दी। प्रतिमा के साथ चल रहे लोगों ने इसका विरोध किया तो छतों से पथराव शुरू कर दिया गया। इस पर समिति के सदस्य प्रदर्शन करने लगे तो दूसरे सामुदाय के हजारों लोगों की भीड़ मौके पर पहुंची और उपद्रव शुरू कर दिया। सूचना पर भारी पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची।

पूजा समिति सदस्यों का आरोप है कि एसओ मौके पर मौजूद नहीं थे। प्रदर्शन शुरू हुआ तो पुलिस ने विसर्जन में शामिल लोगों पर ही लाठीचार्ज कर दिया, जिससे भगदड़ मच गई और दूसरे समुदाय के लोग रामगोपाल को उठा ले गए और उसकी हत्या कर दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *