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आयुर्वेद उपचार की प्राचीन पद्धती, यह वर्तमान में भी उपचार की एक महत्वपूर्ण पद्धति है : राज्यमंत्री श्रीमती गौर

भोपाल

आयुर्वेद उपचार की प्राचीन पद्धती है। यह वर्तमान में भी उपचार की एक महत्वपूर्ण पद्धति है। यह बात पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती कृष्णा गौर ने कही। राज्यमंत्री श्रीमती गौर शरद पूर्णिमा के अवसर पर अयोध्या नगर दशहरा मैदान में आयोजित 34वें आयुर्वेदिक नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविर को संबोधित कर रहीं थी।

राज्यमंत्री श्रीमती गौर ने कहा कि परमार्थ और परोपकार करनेवालों के साथ अपने आप लोग जुडते जाते हैं। उन्होंने कहा कि नाड़ी वैद्य पंडित चंद्रशेखर तिवारी जी शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन कर परोपकार का कार्य कर रहें हैं। श्रीमती गौर ने शिविर में भाग लेने वाले नागरिकों से कहा कि हमें उपचार की प्राचीन पद्धति आयुर्वेद पर विश्वास करना चाहिए। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से रोगों का स्थाई समाधान होता है। श्रीमती गौर ने नागरिकों से अधिक से अधिक पेड़ लगाने का आग्रह भी किया।

कार्यक्रम में महापौर श्रीमती मालती राय ने कहा कि आयुर्वेद से उपचार के लिए लगाया गया नि:शुल्क शिविर सराहनीय है। उन्होंने बताया कि भोपाल में विशेष औषधि पार्क बनाया जा रहा है। महापौर श्रीमती राय ने कहा कि भोपाल के 150 मंदिरों के लिए 11-11 पौधे मंदिर परिसर में लगाने के लिए दिए गए है। कार्यक्रम के प्रारंभ में नाड़ी वैद्य पंडित तिवारी ने बताया कि शरद पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाले शिविर में श्वास संबंधी रोगों के मरीजों को नाड़ी परीक्षण कर नि:शुल्क आयुर्वेदिक औषधि दी जाती है। औषधि, गाय के दूध से बनी चावल की खीर केले के पत्ते पर दी जाती है। शिविर में हजारों की संख्या में नागरिकों ने भाग लिया। शिविर का आयोजन अखंड आयुर्वेद भवन महौबा ने किया। श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर के महंत श्रीराम दास, पार्षद श्रीमती उर्मिला मौर्य और श्रीमती शिरोमणी शर्मा सहित अन्य गणमान्य शामिल थे।

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