अलवर.
रामगढ़ उपचुनाव में भाजपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित होने के बाद एक तरफ जहां पार्टी में खुलकर बगावत शुरू हो गई है, वहीं कांग्रेस में बिना किसी विवाद के आर्यन जुबेर खान के नाम पर मोहर लग गई है। पार्टी ने यह फैसला कल देर शाम रामगढ़ की बैठक में लिया।
इस बैठक में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह, सांसद भंवरलाल जाटव, विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली के अलावा कांग्रेस के संभाग प्रभारी रमेश खंडेलवाल ओर और जिला अध्यक्ष योगेश मिश्रा सहित अनेक नेता मौजूद थे।
बैठक में रामगढ़ से पार्टी टिकट के दावेदार आर्यन खान भी शामिल हुए। राष्ट्रीय सचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि रामगढ़ में जो भी विकास कार्य हुआ है, वह जुबेर खान की बदौलत ही हुआ है। बीजेपी केवल धर्म के नाम पर वोट मांगती रही है। उन्होंने सरकार को चैलेंज देते हुए कहा कि वो दस महीने के शासनकाल में एक काम बता दें और रामगढ़ से वोट ले ले। इस सरकार ने केवल कांग्रेस सरकार के कामों को बंद करने काम किया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि दस महीने से प्रदेश में यह लग ही नहीं रहा कि सरकार है भी या नही। दस महीने से सरकार नहीं सर्कस चल रहा है। इस अवसर पर आर्यन जुबेर खान ने कहा कि ये चुनाव उनके पिता को श्रद्धांजलि के तौर पर लड़ा जाएगा क्योंकि उन्होंने रामगढ़ को अपना घर समझकर जो काम किए हैं, वे किसी से छिपे नहीं हैं।इस बैठक के बाद आर्यन के नाम पर पार्टी ने लगभग अपनी मोहर लगा दी है और यह तय नजर आ रहा है कि कांग्रेस की ओर से वे ही चुनाव लड़ेंगे। अब रामगढ़ में चुनावी मुकाबला कांग्रेस के आर्यन खान और भाजपा के सुखवंत सिंह के बीच ही होगा। इधर सुखवंत को टिकट देने से जय आहूजा बगावत पर उतरे हुए हैं। अब उनका ये विरोध भाजपा के सामने क्या मुसीबत पैदा करता है यह तो समय ही बताएगा।