अहमदाबाद से दबोचे गए 50 बांग्लादेशी, फर्जी दस्तावेज बनाने और वेश्यावृत्ति सहित अवैध कामों में थे लिप्त

अहमदाबाद

देश के विभिन्न हिस्सों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिमों की धर-पकड़ जारी है। अब गुजरात के अहमदाबाद में अवैध रूप से रह रहे 50 बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करके उन्हें हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा, गुजरात की क्राइम ब्रांच घुसपैठियों की पहचान के लिए सैकड़ों लोगों से अभी पूछताछ कर रही है। इससे पहले पुणे और त्रिपुरा से भी अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए थे।

अहमदाबाद से पकड़ाए अवैध बांग्लादेशियों को लेकर गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच के डीसीपी अजीत राजियान ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया, “हम अवैध रूप से रहने वाले लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। इसके साथ ही 200 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की जा रही है।” रिपोर्ट के मुताबिक, ये सभी फर्जी आधार कार्ड बनाने, वेश्यावृत्ति और कई अन्य अवैध गतिविधियों में शामिल थे।

महाराष्ट्र की पुणे पुलिस ने भी खुफिया सूचना के आधार पर रजनगाँव में 21 अक्टूबर 2024 को सर्च ऑपरेशन चलाकर 21 बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया था। पुलिस अधीक्षक पंकज देशमुख ने कहा था, “उनमें से नौ के पास फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड थे और उनमें से एक के पास वोटर आईडी कार्ड भी था। बांग्लादेशी नागरिक के पास वोटर आईडी कार्ड था, उसने इसे गुजरात से हासिल किया था।”

एसपी ने कहा कि ये सभी या तो पैदल चलकर सीमा पार करते हुए पश्चिम बंगाल में यहाँ आए या फिर नावों से समुद्री मार्ग से अवैध रूप से यहाँ पहुँचे। उन्होंने कहा, “इनमें से कुछ के बच्चे भी हैं, जिनकी उम्र तीन साल से पाँच साल के बीच है। भारत में घुसने के बाद ये गुजरात और मुंबई चले गए। कुछ दिन पहले ये पुणे आए हैं।” उन्होंने कहा कि जाँच चल रही है और 2-3 दिन में यह बात स्पष्ट हो जाएगी।

जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है, उनके नाम हैं- अजमुल शरत खान उर्फ ​​हासिफ खान (50), मोहम्मद अकबर अजीज अकबर सरदार (32), शफीकुल अलीमिया शेख (20), हुसैन मुखिद शेख (30), तारिकुल अतियार शेख (38), मोहम्मद उमर फारूक बाबू उर्फ ​​बाबू बुख्तियार शेख (32), शाहीन शहजान ( 44), मोहम्मद हुसैन शेख (32), रऊफ अकबर दफादार (35), इब्राहिम काजोल शेख (35)।

इनके अलावा फरीद अब्बास शेख (48), मोहम्मद सद्दाम अब्दुल सखावती (35), मोहम्मद अब्दुल हबीब रहमान सरदार (32), आलिमिया तोहकील शेख (60), मोहम्मद इसराइल फकीर (35), फ़िरोज़ा मुताक़ीन शेख़ (20), लिपिया हसमुख मुल्ला (32), सलमा मलिक रोशन मलिक (23), हिना मुल्ला जुल्फिकार मुल्ला (40), सोनदीप उर्फ ​​काजोल बासुदीप विशेष (30) और येनूर शाहदता मुल्ला (25) भी पकड़ाए हैं।

एसपी पंकज देशमुख ने कहा था, “हम पता लगा रहे हैं कि वे कितने समय से भारत में हैं। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि वे 6 महीने से लेकर 10 साल से ये देश में रहे हैं। हम पता लगा रहे हैं कि इस देश में रहने का उनका मकसद क्या है। उनमें से कई लोग श्रम गतिविधि में लिप्त हैं और उन्हें मजदूरी कर रहे हैं। इसलिए, उनकी वास्तविक स्थिति पर टिप्पणी करना अभी बहुत प्रारंभिक है।”

उन्होंने आगे कहा, “हमने उनके पास से मतदाता पहचान पत्र, पैन कार्ड और आधार कार्ड जैसे दस्तावेज जब्त किए हैं। इसके अलावा, कई लोगों के पास से अवैध रूप से रह रहे लोगों के बारे में भी जानकारी मिली है। हम इस पहलू की भी जाँच कर रहे हैं कि क्या कोई संगठित रैकेट या एजेंट है, जो बांग्लादेशी नागरिकों को हमारे देश में लाकर स्थापित कर रहा है।”

इसी तरह, त्रिपुरा की राजधानी अगरतला रेलवे स्टेशन पर सुरक्षा एजेंसियों ने 22 अक्टूबर 2024 की सुबह तीन रोहिंग्या मुस्लिम और दो बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लिया। राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) के प्रभारी अधिकारी तपस दास ने कहा कि उन्हें सूचना मिली कि कुछ रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिक त्रिपुरा से बाहर जाने के लिए अगरतला रेलवे स्टेशन पर आएँगे।

तपस दास ने आगे बताया कि पूछताछ में पता चला कि रोहिंग्या नागरिक हैदराबाद जाने वाले थे, जबकि बांग्लादेशी नागरिक मुंबई जाने की योजना बना रहे थे। उन्होंने कहा, “हमने उनके पास से बांग्लादेशी मुद्रा, दस्तावेज और कुछ मोबाइल फोन जब्त किए हैं। हम उन्हें अदालत में पेश करके आगे की पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड माँगेंगे।”

बता दें कि पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा पर मानव तस्करों का एक बड़ा गिरोह काम कर रहा है, जो सिर्फ चार हजार रुपए में बांग्लादेश की सीमा से ऐसे लोगों को भारत में घुसपैठ कराता है। घुसपैठ करने वालों में बांग्लादेशी के साथ-साथ रोहिंग्या मुस्लिम भी शामिल हैं। इसके बाद घुसपैठियों को फर्जी पहचान देकर जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली सहित देश के विभिन्न हिस्सों में बसाया जाता है।

 

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