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MHA ने जारी की केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक की सूची, हापाटोला मुठभेड़, कांकेर एसपी समेत 58 को केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक

कांकेर
 कांकेर पुलिस अधीक्षक आई के एलिसेला समेत जिले के 58 जवान केंद्रीय दक्षता पदक से सम्मानित हुए हैं. उन्हें ये सम्मान हापाटोला मुठभेड़ में सफल ऑपरेशन पर दिया गया. इस मुठभेड़ में लगभग 1 करोड़ 80 लाख के इनामी 29 नक्सली मारे गए थे.

कांकेर के जवानों को सम्मान: गृह मंत्रालय की तरफ से हर साल विशेष ऑपरेशन, जांच और फोरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में बेहतर काम करने वाले देशभर के पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया जाता है. साल 2024 में छत्तीसगढ़ के 182 अधिकारी व कर्मचारियों को सम्मानित किए जाने के साथ ही कांकेर के पुलिस अधीक्षक आई. कल्याण ऐलिसेला के अलावा जिले के अन्य 57 अधिकारियों व कर्मचारियों को इस पदक से सम्मानित किए जाने की घोषणा दिवाली के दिन की गई. इस पदक की घोषणा हर साल 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर की जाती है.

16 अप्रैल 2024 को मारे गए थे 29 नक्सली: कांकेर पुलिस अधीक्षक आई के एलिसेला ने कहा कि छत्तीसगढ़ और कांकेर जिला पुलिस के लिए ये सम्मान बड़ी उपलब्धि है. 16 अप्रैल 2024 को हापाटोला मुठभेड़ में 29 नक्सली मारे गए थे. उन पर 1 करोड़ 80 लाख का इनाम घोषित था. इनमें कई बड़े नक्सली शामिल थे. इस घटना के बाद कांकेर में नक्सली घटनाओं में काफी कमी आई है. इस घटना के बाद लोकसभा चुनाव हुआ था जो काफी शांतिपूर्ण हुआ. इस में नक्सली एनकाउंटर का काफी महत्व रहा.

आई के एलिसेला ने बताया कि इस सफल एनकाउंटर को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक की घोषणा की गई. इस ऑपरेशन में शामिल 60 लोगों को इस पदक से सम्मानित किया गया. बाकी लोगों के लिए भी वीरता पदक की अनुशंसा की गई है.

अमित शाह के दौरे के बाद हापाटोला मुठभेड़: कांकेर जिले के कलपर-हापाटोला मुठभेड़ के कुछ माह पहले गृहमंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान अगले साल तक नक्सलियों का सफाया करने की बात कहीं थी. इसके बाद ही ये ऑपरेशन चलाया गया. एसपी आई कल्याण ऐलीसेला ने कांकेर और सीमावर्ती जिलों की सीमा पर नक्सल ऑपरेशन के लिए खाका तैयार किया और अंदरुनी इलाके में नेटवर्क बढ़ाया.

कलपर हापाटोला पहाड़ी में नक्सलियों की उपस्थिति का इनपुट मिलने पर नक्सलियों के कैंप पर हमला बोलने की रणनीति तैयार की गई. इस ऑपरेशन में पखांजुर एएसपी प्रशांत शुक्ला, पखांजुर डीएसपी रवि कुमार कुजूर, पखांजुर थाना प्रमारी लक्ष्मण केवट और तत्कालीन बांदे थाना प्रभारी रामेश्वर देशमुख ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की रणनीति पर ऑपरेशन किया. यह आपरेशन उस समय का सबसे बड़ा ऑपरेशन था, जिसमें 29 नक्सलियों को मार गिराने में कांकेर पुलिस और अन्य बल को सफलता मिली. नक्सलियों के कई बड़े लीडर एनकाउंटर में मारे गए.

कांकेर मुठभेड़ समेत कई ऑपरेशनों में विशेष योगदान

इस सम्मानित सूची में उन पुलिसकर्मियों के नाम शामिल हैं, जिन्होंने कांकेर नक्सल मुठभेड़ समेत विभिन्न अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. इनके साहस और निडरता के कारण इन अभियानों में सफलता प्राप्त हुई.

इनकी बहादुरी से ही अंतिम सांसें ले रहा नक्सलवाद

छत्तीसगढ़ का नाम पूरे देश में कभी नक्सल प्रभावित राज्य के रूप में नकारात्मक रूप में लिया जाता था. साल की शुरुआत में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सात राज्यों के डीजीपी और मुख्य सचिवों की बैठक लेकर नक्सलवाद के खात्मे के लिए खाका तैयार किया. छत्तीसगढ़ के पुलिस अफसरों और जवानों में उन्होंने ऐसा जोश भरा कि इसके बाद सिलसिलेवार मुठभेड़ों का दौर शुरू हो गया. कांकेर से लेकर नारायणपुर व बीजापुर में पुलिस अफसरों की रणनीति और मैदान में जवानों की बहादुरी से इसे अंजाम तक पहुंचाया गया. यही वजह रही कि अवॉर्ड सूची में छत्तीसगढ़ के जवानों व पुलिस अफसरों की संख्या पूरे देश में सर्वाधिक है.

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