सीएम योगी लोकसभा नतीजों के बाद उपचुनाव में जीत के लिए लगा रहे जोर

लखनऊ
 लोकसभा चुनाव 2024 में झटका खाने वाली बीजेपी के लिए यूपी का उपचुनाव प्रतिष्‍ठा का सवाल बन चुका है। 9 सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होनी है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ स्‍वयं उपचुनाव को लेकर लगातार सक्रिय नजर आ रहे हैं। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस बार बीजेपी आलाकमान ने योगी आदित्‍यनाथ को खुली छूट दी है। प्रत्‍याशियों के चयन से लेकर तमाम अहम रणनीतिक फैसले योगी के मुताबिक लिए गए हैं। ऐसे में ये उपचुनाव असल मायने में मुख्‍यमंत्री योगी के लिए भी अग्नि परीक्षा जैसी होगी।

अचानक दिल्‍ली पहुंच मोदी और नड्डा से मिले

एक दिन पहले योगी आदित्‍यनाथ अचानक दिल्‍ली पहुंचे। वह यहां बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से मिले। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच काफी देर तक उपचुनाव से जुड़े मुद्दों पर बातचीत होती रही। इसके बाद योगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने पहुंचे। करीब एक घंटे की बातचीत में चुनावी चर्चा के अलावा महाकुंभ 2025 और 69 हजार शिक्षक भर्ती जैसे मुद्दों पर भी बातचीत हुई।

संघ के शीर्ष नेताओं से 45 मिनट तक चली बैठक

इससे पहले पिछले हफ्ते मथुरा में राष्‍ट्रीय स्‍वयं सेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ यहां संघ के शीर्ष नेताओं से मिलने पहुंचे। करीब 45 मिनट तक इनके बीच बंद कमरे में बातचीत हुई। हरियाणा विधानसभा चुनावों में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने वाले संघ ने यूपी उपचुनावों को लेकर भी योगी को कई सुझाव दिए।

मोहन भागवत से इन मुद्दों पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात कर उपचुनाव की तैयारियों पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि उपचुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने, बूथ प्रबंधन सभी वर्गों के वोटरों को एकजुट करने सहित कई मुद्दों पर दोनों के बीच वार्ता हुई है। लोकसभा चुनाव में अनुकूल प्रदर्शन होने के बाद हरियाणा की सफलता में संघ की अहम भूमिका रही। वहां छोटे समूहों में बैठकें कर लोगों के बीच अपनी बात पहुंचाई। साथ ही बूथ प्रबंधन में संघ ने अहम भूमिका निभाई। डोर-टू-डोर अभियान चलाकर बीजेपी के लिए माहौल बनाया। अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसी तरह का कुछ माहौल यूपी में बनाने को लेकर चर्चा हुई।

इन 9 सीटों पर होने हैं उपचुनाव

करहल, सीसामऊ, कुंदरकी, गाजियाबाद, फूलपुर, मझवां, कटेहरी, खैर और मीरापुर में 13 नवंबर को उपचुनाव हैं। अयोध्‍या की मिल्‍कीपुर सीट पर भी उपचुनाव होना है, लेकिन अभी उसकी डेट नहीं घोषित की गई है। इन 10 सीटों में पांच पर सपा का कब्‍जा था। तीन बीजेपी के पास थी। एक निषाद पार्टी और एक रालोद के पास थी।

लोकसभा की 80 में मात्र 33 सीटें जीत पाई थी बीजेपी

इस साल हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी यूपी की 80 में से केवल 33 सीटें जीत पाई। साथ ही उसका वोट शेयर भी घटकर 41 फीसदी तक रह गया। ऐसे में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के सामने उपचुनाव जीतने को लेकर बड़ी चुनौतियां हैं। जिस तरह बेहतर प्रदर्शन करते हुए सपा ने 37 सीटों पर जीत हासिल की है, इससे उपचुनाव में भी उसका दावा मजबूत माना जा रहा है।

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