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435 करोड़ रुपये की लागत से बिलासपुर , 456 करोड़ रुपये की लागत से रायपुर एवं 463 करोड़ रुपये की लागत से दुर्ग स्टेशन का किया जा रहा पुनर्विकास

रायपुर

रेलवे देश की लाइफलाइन है। रेलवे लगातार यात्री सेवा को सुलभ करने के लिए नवीनतम तकनीक, सुविधाओं और बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने पर काम कर रही है। वर्तमान में रेल मंत्रालय के महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने हेतु स्टेशनों के पुनर्विकास व "अमृत भारत स्टेशन" योजना के अंतर्गत स्टेशनों के उन्नयन का कार्य किए जा रहे हैं। इसी क्रम में बिलासपुर रेलवे स्टेशन को 435 करोड़ रुपए की लागत, रायपुर रेलवे स्टेशन को 456 करोड़ रुपए की लागत एवं दुर्ग रेलवे स्टेशन को 463 करोड़ रुपए की लागत से पुनर्विकसित किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य यात्री सुविधाओं को उन्नत करना, भीड़ प्रबंधन में सुधार लाना और स्टेशन परिसर को आधुनिक बनाने के साथ-साथ इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाना है। पुनर्विकास के तहत बेहतर प्रतीक्षालय, अत्याधुनिक सुरक्षा व्यवस्था, स्वच्छता और हरित क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

बिलासपुर स्टेशन का पुनर्विकास
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत आने वाले समय में दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काँन्कोर्स में एकसाथ लगभग 800 यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग एरिया का प्रावधान, 1123 से अधिक वाहनों के लिए लगभग 28 हजार वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का प्रावधान, बेहतर भीड़ प्रबंधन हेतु स्टेशन में प्रवेश एवं निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान, 3 नए फुट चौड़े ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है जिसमें दो स्टेशन प्रवेश के लिए तथा एक स्टेशन से निकास के लिए होगा। 6000 वर्ग मीटर का काँन्कोर्स का प्रावधान किया गया है, बुजुर्गों तथा दिव्याङ्ग यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए 30 लिफ्ट एवं 22 एस्केलेटर बनाए जाएंगे जिससे यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने में आसानी होगी। यात्रियों की संख्या: प्रति दिन 65,867 (अधिकतम 6,587 पीक आवर्स में) क्षमता के अनुरूप तैयार किया जाएगा।

रायपुर स्टेशन का पुनर्विकास
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत आने वाले समय में दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काँन्कोर्स में अधिकतम यात्रियों के बैठने के लिए 4974 वर्ग मीटर वेटिंग एरिया का प्रावधान, लगभग 2200 से अधिक वाहनों के लिए पार्किंग एरिया का प्रावधान, बेहतर भीड़ प्रबंधन हेतु स्टेशन में प्रवेश एवं निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान तथा लगभग 3400 वर्ग मीटर का काँन्कोर्स का प्रावधान किया गया है। बुजुर्गों तथा दिव्यांग यात्रियों की विशेष सुविधा। यात्रियों की संख्या: प्रति दिन 47,967 (अधिकतम 4,797पीक आवर्स में) क्षमता के अनुरूप तैयार किया जाएगा।

दुर्ग स्टेशन का पुनर्विकास
बिलासपुर रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के अंतर्गत आने वाले समय में दीर्घकालिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर काँन्कोर्स में एकसाथ लगभग 1300 यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग एरिया का प्रावधान, 925 से अधिक वाहनों के लिए लगभग 19 हजार वर्ग मीटर पार्किंग एरिया का प्रावधान, बेहतर भीड़ प्रबंधन हेतु स्टेशन में प्रवेश एवं निकास के अलग-अलग मार्ग का प्रावधान, 03 नए फुट चौड़े ओवरब्रिज का प्रावधान किया गया है जिसमें दो स्टेशन प्रवेश के लिए तथा एक स्टेशन से निकास के लिए होगा। 35 वर्ग मीटर का काँन्कोर्स का प्रावधान किया गया है, बुजुर्गों तथा दिव्याङ्ग यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए 45 लिफ्ट एवं 21 एस्केलेटर बनाए जाएंगे जिससे यात्रियों को एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म जाने में आसानी होगी। यात्रियों की संख्या: प्रति दिन 39,498 (अधिकतम 3,950 पीक आवर्स में) क्षमता के अनुरूप तैयार किया जाएगा।

स्टेशन पुनर्विकास के अंतर्गत बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग स्टेशनों में पर्यावरण संरक्षण के लिए क्लीन एनर्जी के महत्व को रेखांकित करते हुए स्टेशन की छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाया जाएगा। जल संरक्षण के दृष्टिगत स्टेशन भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग व इमरजेंसी पावर बैक-अप के साथ फायर फाइटिंग स्थापित किए जाएंगे। यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज तथा दिव्यांगजन फ्रेंडली सुविधाएं आदि शामिल है।

बिलासपुर, रायपुर एवं दुर्ग स्टेशनों को विश्वस्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जा रहा है, जहां प्राकृतिक रौशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा। पुनर्विकास के बाद बिलासपुर स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेगा। यात्रियों की संख्या बढ?े के साथ-साथ रोजगार बढ?े की व्यापक संभावना विकसित होगी जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। यह स्टेशन इस क्षेत्र की आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ व्यापार एवं पर्यटन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इन स्टेशनों के अतिरिक्त दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 46 स्टेशनों का अमृत भारत स्टेशन स्कीम के तहत उन्नयन किया जा रहा है।

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