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एग्रीकल्चर ग्रोथ और माइनिंग प्रकिया में टॉप पर हम : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

  • मुख्यमंत्री यूके दौरा
  • देश में सबसे बड़े लैंड बैंक में से एक है मध्यप्रदेश : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
  • एग्रीकल्चर ग्रोथ और माइनिंग प्रकिया में टॉप पर हम
  • मुख्यमंत्री ने निवेश आकर्षित करने यूके में किया रोड-शो

भोपाल

दुनिया भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए फरवरी-2025 को भोपाल में हो रही ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आमंत्रित करने के अभियान पर निकले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को यूके (लंदन) के रोड-शो में उद्योगपतियों के इंटरैक्टिव सेशन को संबोधित किया। डॉ. यादव ने देश भर में औद्योगिक विकास में आई तेजी के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डायनामिक व्यक्तित्व की सराहना की। उन्होंने आमंत्रित उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए बताया कि प्रदेश का लैंड बैंक देश के सबसे बड़े लैंड बैंक्स में से एक है। मध्यप्रदेश में निवेश नीतियां स्पष्ट और निवेशकों के लिए अनुकूल हैं। माइनिंग एवं कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में सबसे आगे है।

यूके की राजधानी लंदन में उद्योगपतियों के साथ इंटरैक्टिव सेशन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि आपदाओं के बाद भी भारत और यूके के संबंधों में निरंतरता है क्योंकि लोकतंत्र की हमारी साझी विरासत है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने भारत में राजनीतिक स्थिरता और तेज विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी के चमत्कारी व्यक्तित्व को आधार बताया। मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड की आपदा को कम समय में निपटने की चुनौती में सक्षम भारत प्रमाणित करने का अवसर बना दिया था। उनके नेतृत्व ने न सिर्फ देश को बचाया था, बल्कि पूरी दुनिया को बचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया और विश्व में भारत की साख बनाई। उनकी साफगोई और दृढ़ संकल्प ने देश में औद्योगिक निवेश के लिए माहौल विकसित किया।

यूके रोड शो में "इन्वेस्टमेंट अपॉर्च्युनिटीज इन मध्यप्रदेश" विषय पर हुए इन्टरैक्टिव सेशन में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि विदेश में निकलने से पहले हमने राज्य की स्थितियों को सुधारा और देश भर के उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित करने का अभियान चलाया। परिणामस्वरूप प्रदेश में हजारों करोड़ का निवेश संभव हुआ। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्टील किंग के नाम से जाने जाने वाले उद्योगपति मित्तल ने भी मुलाकात के दौरान मध्यप्रदेश में निवेश के खुले अवसरों की सरहाना की है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रसन्नता जाहिर करते हुए बताया कि यूके के एक भारतवंशी रीयल एस्टेट कारोबारी ने मध्यप्रदेश में सेमीकंडक्टर चिप उद्योग शुरू करने के लिए 25 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की मंशा जाहिर की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यूके के भारतवंशी उद्योगपतियों को मध्यप्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि इससे प्रदेश में रोज़गार की उम्मीदें बढ़ेंगीं, आपका व्यवसाय बढ़ेगा और आप हमेशा के लिए प्रदेश के सहयोगी बनेंगे।

देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में हैं औद्योगिक निवेश की अपार संभावनाएं

भारत के उच्चायुक्त विक्रम के दोराईस्वामी ने मध्यप्रदेश को औद्योगिक निवेश के अवसरों के लिए आदर्श बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा उनके कार्यकाल में भारत व्यापार करने के लिए सबसे बेहतर स्थलों में से एक सिद्ध हुआ है। अब सिर्फ केंद्रीय प्रशासन ही नहीं राज्य भी उद्योग मित्र नीतियां बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश ईज-ऑफ-डूइंग बिजिनेस की दृष्टि से देश के टॉप-5 राज्यों में शामिल है। दोराईस्वामी ने कहा कि भूमि की उपलब्धता, सबसे अधिक कृषि विकास दर और उद्योग प्रेरक नीतियों को देखते हुए मध्यप्रदेश औद्योगिक निवेश की सफलता के लिए उम्मीदों से भरपूर है। दोराईस्वामी ने कहा कि मध्यप्रदेश सचमुच देश का हृदय है और यहां निवेश करने पर देश ही नहीं निवेशक दुनिया भर में आसानी से व्यापार का प्रसार कर सकता है।

ब्रिटेन में भारत के उच्चायुक्त दोराईस्वामी ने कहा कि मध्यप्रदेश देश के ठीक मध्य में स्थित है, इसलिए यहां उद्योग स्थापित करने पर उत्पादों को देश-दुनिया में आसानी से भेजा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है साथ ही यहां अपेक्षाकृत कम प्रतिस्पर्धा है। इसलिए निवेशकों को मध्यप्रदेश सरकार की साफ-सुथरी नीतियों का लाभ लेकर मध्यप्रदेश में निवेश करेंगे तो प्रदेश की निवेश संभावनाओं को वैश्विक विस्तार मिलेगा, साथ ही निवेशक के व्यापार को भी वृहद स्तर पर बाजार उपलब्ध होगा।

प्रदेश में एवीजीसी नीति हो रही है तैयार

अपर मुख्य सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संजय दुबे ने आईटी/आईटीएस एवं ईएसडीएम सेक्टर में निवेश की संभावनाओं पर प्रेजेन्टेशन देकर बताया कि मध्यप्रदेश में वायब्रेन्ट टेक इको सिस्टम राज्य सरकार आईटी में निवेश के लिये सहायता प्रदान करती है। मध्यप्रदेश की आईटी/आईटीएस एवं ईएसडीएम नीति-2023 एवं स्टार्टअप नीति से इन क्षेत्रों में उद्यमियों को कई सुविधाएँ दी जा रही हैं। नीति के अंतर्गत उद्यमियों को पूँजीगत व्यय सहायता एवं गैर वित्तीय लाभ प्रदान किया जाता है। हम एवीजीसी (एनीमेशन, विजुअल इफेक्टस, गेमिंग और कॉमिक्स) नीति तैयार कर रहे हैं। प्रदेश में 1200 से अधिक आईटी स्टार्ट अप्स हैं, जिनमें से 2 यूनिकार्न बन गये हैं। राज्य में प्लग-एंड-प्ले इन्फ्रॉस्ट्रक्चर है।

अपर मुख्य सचिव दुबे ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश में रेन्टल भुगतान की कीमत बहुत कम है। मध्यप्रदेश में ईज ऑफ लिविंग और एक्यूआई स्तर देश के अन्य शहरों की तुलना में बहुत कम है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने आईटी, आईटीएस, ईएसडीएम और डेटा सेन्टर की आवश्यकताओं के अनुसार विभिन्न प्रोत्साहन देने की बात कही। एसईटी क्षेत्र में 20 मिलियन पाउंड से अधिक का निवेश करने पर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में केबिनेट समिति अतिरिक्त प्रोत्साहन देने की अनुशंसा करती है।

भौगोलिक, आर्थिक, प्राकृतिक और अन्य आधारभूत सुविधाओं से समृद्ध मध्यप्रदेश

प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्द्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश अपनी भौगोलिक, प्राकृतिक और आर्थिक क्षमताओं के चलते निवेश के लिए एक आदर्श स्थल है। प्रदेश में भारत का सबसे बड़ा भूभाग (308 हजार वर्ग किमी), 77.5 हजार वर्ग किमी का विशाल वन क्षेत्र और हीरे, तांबे तथा मैंगनीज अयस्क जैसे खनिज संसाधनों की प्रचुरता है। साथ ही यह देश का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक और सबसे बड़ा गेहूं निर्यातक प्रदेश है। प्रदेश पॉवर सरप्लस राज्य है, यहां 31 गीगावाट विद्युत उत्पादन होता है। यहां किफायती दरों पर बिजली आपूर्ति की जाती है। प्रदेश में इन सब आधारभूत सुविधाओं से उद्योग को आसानी से स्थापित और संचालित किया जा सकता है।

प्रमुख सचिव सिंह ने कहा कि प्रदेश का कुशल मानव संसाधन भी इसकी ताकत है। प्रति वर्ष 2 लाख से अधिक स्नातक और एक सक्षम कार्यबल प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति प्रदान करते हैं। प्रदेश की 4600 से अधिक डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप्स और 1.4 करोड़ एमएसएमई इकाइयां यह साबित करती हैं कि मध्यप्रदेश में नवाचार और उद्यमिता के लिए अपार संभावनाएं है। इसके अतिरिक्त, औद्योगिक गलियारों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क्स और अंतरराष्ट्रीय हवाई कनेक्टिविटी से मध्यप्रदेश निवेशकों को उत्पादों की निर्बाध आपूर्ति और परिवहन की सुविधा प्रदान करता है।

उद्योग स्थापित करने में मददगार मध्यप्रदेश सरकार

यूके की क्लीनी सप्लाइज लिमिटेड के सीएफओ सामिक बसु में मध्यप्रदेश में निवेश के अनुभवों के बारे में बताया कि भारत में बंगलौर के बाद उद्योग विस्तार की संभावनाओं के लिए हमने इन्वेस्ट इंडिया की मदद से कई विकल्पों पर विचार किया। लगभग 18 माह पूर्व कंपनी ने उज्जैन-देवास रोड पर स्थित"विक्रम उद्योगपुरी" को अपने पसंदीदा स्थान के बारे में चुना और यहां मेडिकल उपकरणों के लिए फैक्ट्री स्थापित की। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार एवं एमपीआईडीसी ने हरसंभव सहयोग प्रदान किया। उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के पास 5 एकड़ भूमि है, जिसकी आवंटन की संपूर्ण प्रक्रिया 8 सप्ताह के भीतर पूरी हो गई और ग्रीन एनर्जी के कनेक्शन से लेकर सप्लाई तक की प्रक्रिया 3 सप्ताह के समय में पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि भारत में निवेश करने के लिये मध्यप्रदेश सबसे बेहतरीन स्थान है। प्रबंध संचालक, एमपीआईडीसी के चन्द्रमौली शुक्ला ने सेशन में मौजूद सभी भारतवंशियों का आभार माना।

 

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