अमृतसर.
पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त ने धार्मिक सजा सुनाई। दो महीने पहले अकाल तख्त ने उन्हें तनखैया (धार्मिक मामलों में अपराधी) घोषित किया था। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सजा सुनाते हुए बादल को गोल्डन टेंपल में जूठे बर्तन धोने और शौचालय की सफाई का आदेश दिया है। साथ ही उन्हें पंच सिंह साहिबों के घर के बाहर सुबह एक घंटा सेवादारी का काम भी सौंपा गया है। अकाल तख्त ने सजा सुनाते हुए बादल को आदेश दिया कि उन्हें सजा के दौरान रोजाना गुरुद्वारे में कीर्तन सुनना होगा।
अपने कार्यकाल के दौरान सुखबीर सिंह बादल और उनके कैबिनेट मंत्रियों को गलत राजनीतिक निर्णय लेने का दोषी पाया गया है। इसमें डेरा सच्चा सौदा के गुरमीत राम रहीम को माफी देने का भी आरोप है। उन्होंने गोल्डन टेंपल में पंच सिंह साहिबानों के सामने अपनी गलती स्वीकार की। सुखबीर सिंह बादल कुछ दिन पहले ही अकाली दल अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे चुके हैं। सजा का ऐलान करते हुए जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल को आदेश दिया कि वे तीन दिन के भीतर उनका इस्तीफा स्वीकार करें और पार्टी में नए अध्यक्ष के लिए आगामी 6 महीने के भीतर चुनाव पूरा करा लें।
राम रहीम ने गुरु गोबिंद सिंह की तरह वेशभूषा पहनी थी
दरअसल, यह पूरा मामला 2007 में गुरमीत राम रहीम का सिखों के गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी की तरह वेशभूषा पहनकर लोगों को अमृत चखाने का प्रयास किया था। इस मामले में राम रहीम के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया, लेकिन अकाली सरकार ने राम रहीम के खिलाफ केस वापस ले लिए। अकाल तख्त ने राम रहीम की सजा माफ करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दी गई फकर-ए-कौम की उपाधि भी वापस ले ली।
इससे पहले 30 अगस्त को सुखबीर को अकाल तख्त द्वारा 'तनखैया' घोषित किया गया था। अकाल तख्त ने माना कि अकाली दल ने पंजाब सरकार में रहते हुए 2007 और 2017 के बीच 'गलत' राजनीतिक निर्णय लिए। अकाल तख्त जत्थेदार ने शिरोमणि अकाली दल से संबंधित मामलों पर चर्चा के लिए गोल्डन टेंपल में पांच 'सिंह साहिबों' की एक बैठक बुलाई थी और सुखबीर सिंह बादल को सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आदेश दिया था।