ब्रेकिंग न्यूज

श्रीराम से पहले शिव धनुष किसने उठाया था शिव धनुष?

विवाह पंचमी हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान राम और माता सीता के विवाह के पावन अवसर को मनाता है. यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हरसाल मनाया जाता है. इस दिन भगवान राम और माता सीता की पूजा-अर्चना की जाती है और उनके पवित्र बंधन को याद किया जाता है. यह पर्व हमें रामायण काल की याद दिलाता है और हमें भगवान राम और माता सीता के आदर्श जीवन के बारे में बताता है. भगवान राम और माता सीता के पवित्र रिश्ते को पति-पत्नी के रिश्ते का आदर्श माना जाता है. इस दिन पति-पत्नी एक-दूसरे को उपहार देते हैं और एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं. यह दिन शुभ कार्यों के लिए भी माना जाता है.

पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 05 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन यानी 06 दिसंबर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगी. उदयातिथि के अनुसार, इस साल 06 दिसंबर को विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा.

रामायण की कथा के अनुसार, राजा जनक ने अपनी पुत्री सीता का स्वयंवर आयोजित किया था. इस स्वयंवर में एक शर्त रखी गई थी कि जो भी राजकुमार शिव धनुष को उठाकर उसकी प्रत्यंचा चढ़ा देगा, वही सीता से विवाह कर सकेगा. कई राजकुमारों ने इस धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सफल नहीं हो पाया. अंत में, भगवान राम आए और उन्होंने आसानी से धनुष को उठाकर उसे तोड़ दिया, लेकिन क्या आपको पता है कि श्रीराम से पहले शिव धनुष किसने उठाया था.

सबसे पहले किसने उठाया था धनुष?
कुछ लोकप्रिय मान्यताओं में यह भी कहा जाता है कि माता सीता ने बचपन में खेलते-खेलते इस धनुष को अपने बाएं हाथ से उठा लिया था. ऐसा कहा जाता है कि माता सीता ने स्वयंवर के समय इसी धनुष को उठाकर स्वयंवर भवन तक लाया था. राजा जनक को पता था कि माता सीता इस धनुष को आसानी से उठा सकती हैं. इस धनुष को कोई भी सैनिक उठा नहीं पा रहा था.

राजा जनक को इस बात का डर था कि अगर यह धनुष रावण के हाथ लग गया, तो सृष्टि का विनाश हो जाएगा. भगवान राम ने इस धनुष को एक हाथ से उठाकर सबको चौंका दिया था. राम ने धनुष की प्रत्यंचा चढ़ाई और उसे झुकाते ही धनुष खुद व खुद टूट गया था.

शिव धनुष को शक्ति और पराक्रम का प्रतीक माना जाता है. भगवान राम विष्णु के अवतार थे और उन्होंने इस धनुष को उठाकर अपनी दिव्य शक्ति का प्रदर्शन किया था. धनुष को तोड़कर भगवान राम ने सीता से विवाह का अधिकार प्राप्त किया था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *