पुलिस ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप पर निवेश करवा साइबर ठगी करने वाले गिरोह का किया भंडाफोड़

पानीपत
जिले की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप पर निवेश करवा साइबर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। तीनों आरोपियों को फरीदाबाद और यूपी के मथूरा से गिरफ्तार किया।

आरोपियों की पहचान
आरोपियों की पहचान मनीष सिन्हा निवासी पुणे महाराष्ट्र, राहुल सक्सेना निवासी औरंगाबाद और मनोज निवासी बेहता बांगर मथूरा यूपी के रूप में हुई। आरोपियों ने पानीपत निवासी डॉक्टर से 60 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपी मनीष सिन्हा के कब्जे से 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, 1 टेब, 1 लेपटॉप और 1 मोबाइल फोन बरामद किया है। मामले के अनुसार फरवरी 2024 में थाना साइबर क्राइम में डॉक्टर प्रवीण पी कोटवानी ने शिकायत देकर बताया था कि वह जुलाई 2023 से डॉ. प्रेम एलएचडीएम अस्पताल पानीपत के माध्यम से IOCL में व्यवसायिक स्वास्थ्य केंद्र पीआर में व्यवसायिक स्वास्थ्य सलाहकार के प्रभारी है।

उसने दिसंबर 2023 को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर स्टॉक पुल अप ग्रुप के लिंक पर क्लिक किया तो वह उसे गोल्डमैन स्टॉक्स इंडिया इक्विटी एक्सचेंज ग्रुप 207 नामक वॉटसअप ग्रुप पर ले गया। वहा जय सहानी शिक्षक और रागिनी सिंह असिस्टेंट बनकर लोगों को ई ट्रेडिंग करने के सुझाव दे रहे थे। उक्त स्टॉक्स प्लेटफार्म में पैसे लगाकर डबल करने की बात कही जा रही थी। ग्रुप में और भी काफी लोग जुड़े हुए थे। जिसमे काफी लोग करोड़ों की धनराशि निवेश कर उसके स्क्रीनशॉट ग्रुप में पोस्ट कर रहे थे।

उनकी बातों पर विश्वास कर उसने भी ग्रुप के माध्यम से गोल्डमैनशैक एप पर जाकर निवेश करना शुरू कर दिया। उन्हें हर बार अच्छा मुनाफा दिखाकर और ज्यादा बड़ी रकम से ट्रेडिंग करने का टास्क मिलता रहा। करीब 36 लाख रूपए निवेश करने के बाद उन्होंने रूपए निकालने की कोशिश की तो क्लेम प्रोसेस रिजेक्ट होने लगी। उसने कस्टमर केयर कर्मचारी पर रूपए रिफंड कराने का दबाव बनाया तो उसने निवेश के नियम तोड़ने का दावा किया। 1 फरवरी तक 79 से 80 लाख रुपये नहीं भरने पर आईडी बंद करने की चेतावनी दी। करीब 60 लाख रुपये भरने के बाद उसकी आईडी ब्लाक हो गई। आरोपियों ने फर्जी स्टॉक ट्रेडिंग एप से निवेश करवा उससे 60 लाख रुपये की ठगी कर ली। शिकायत पर थाना साइबर क्राइम में अभियोग दर्ज कर पुलिस ने मामले की जांच व आरोपियों की धरपकड़ के प्रयास शुरू कर दिए थे।

गिरोह का भंडाफोड़ कर आरोपियों को भेजा जेल
  उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय सतीश वत्स ने बताया कि थाना साइबर क्राइम पुलिस टीम ने विभिन्न पहलुओं पर जांच करते हुए गिरोह का भंडाफोड़ कर 30 नवंबर को यूपी के मथूरा से आरोपी राहुल सक्सेना निवासी औरंगाबाद और मनोज निवासी बेहता बांगर मथूरा यूपी को काबू किया। ठगी गई नगदी में से कुछ पैसे आरोपी मनोज के खाते में गए थे। प्रारंभिक पूछताछ में दोनों आरोपियों ने महाराष्ट्र के पुणे निवासी मनीष सिन्हा के साथ मिलकर ठगी की उक्त वारदात को अंजाम देने बारे स्वीकारा। पुलिस टीम ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर 2 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल कर उनकी निशानदेही पर मंगलवार को आरोपी मनीष सिन्हा को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया।

उप पुलिस अधीक्षक ने बताया पूछताछ में खुलासा हुआ आरोपी राहुल सक्सेना फेसबुक के माध्यम से आरोपी मनीष सिन्हा के संपर्क में आया था। आरोपी मनीष सिन्हा ने उसे साइबर ठगी के लिए बैंक खातों की जरूरत होने बारे बताया। खाते उपलब्ध कराने पर पैसे देने की बात कही। इसके बाद आरोपी राहुल सक्सेना ने साथी आरोपी मनोज से बातचित की और उसका खाता 10 हजार रुपये में खरीदकर उसके साथ ही 4 अन्य खाते 15 हजार रुपये प्रति खाता के हिसाब से आरोपी मनीष सिन्हा को बेच दिए।

न्यायिक हिरासत में भेजे आरोपी
सतीश वत्स ने बताया आरोपी मनीष सिन्हा के कब्जे से 29 डेबिट कार्ड, 19 चेक बुक, 1 टेब, 1 लेपटॉप व 1 मोबाइल फोन बरामद कर न्यायालय में पेश कर 1 दिन के पुलिस रिमांड पर हासिल किया। रिमांड के दौरान पुलिस आरोपी से गिरोह के अन्य आरोपियों के ठीकानों का पता लगा काबू करने का प्रयास करेंगी। इसके साथ ही आरोपी मनोज और राहुल सक्सेना को बुधवार को रिमांड अवधी पूरी होने पर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत भेज दिया।

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