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बिहार-पटना में मुख्यमंत्री ने की पश्चिम चंपारण जिले की विकासात्मक योजनाओं की समीक्षा

पटना।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पश्चिम चंपारणजिला में चल रही विकासात्मक योजनाओं को लेकर समीक्षा बैठक हुयी। समीक्षा बैठक मेंजिलाधिकारी श्री दिनेश कुमार राय ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्डयोजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल काजल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीटलाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युतकनेक्षन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन,स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं कीडोर स्टेप डिलिवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध मेंमुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी।

इसके अलावा हर पंचायत में 10$2 विद्यालय, ग्रामपंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येकपंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतुयोजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन मेंपारदर्शिता, दाखिल खारिज एवं जल-जीवन-हरियाली के तहत जीर्णाेद्धार कराए गएसार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी नेमुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जन प्रतिनिधियों नेअपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखी।समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई आवश्यक दिशानिर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं,उसका यथाशीघ्र समाधान करें। 24 नवंबर 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को कामकरने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहेहैं। हर क्षेत्र में विकास के अनेक काम किए गए हैं। 2005 से पहले बिहार की स्थिति काफीदयनीय थी। शाम के बाद लोग घरों से नहीं निकलते थे। शिक्षा और स्वास्थ्य का काफी बुराहाल था। सड़कें जर्जर थी, आए दिन हिन्दु-मुस्लिम के बीच झगड़ा हुआ करता था लेकिनजब बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का अवसर दिया तब से बिहार की स्थितिपूरी तरह बदल गई है। हर क्षेत्र में विकास के काम किए गए हैं। किसी के साथ कोईभेदभाव नहीं किया गया है। वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। 8हजार से ज्यादा कब्रिस्तानों की घेराबंदी पहले ही पूरी हो गई है। शेष कब्रिस्तानों की घेराबंदीका काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। हमलोगों ने सबके लिए काम किया है। इसके बाद मंदिरोंकी चहारदीवारी का काम भी हमलोगों ने शुरू किया ताकि मंदिर सुरक्षित रहे। वोट देनाआपका अधिकार है, आप जिनको चाहे दें लेकिन हमलोग सभी लोगों के लिये काम करते हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। बिहार काकोई भी इलाका विकास से अछूता नहीं है। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलियाके निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने सेपहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटा किया गया है। इसके लिएहर प्रकार से काम किया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 से पोषाक योजना, वर्ष 2009 से लड़कियों केलिए साइकिल योजना, वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना, बड़े पैमाने परनियोजित शिक्षकों की बहाली, स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लानेका प्रयास किया गया है। बड़ी संख्या में सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा रही है।नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता दी जा रही है। पहले प्राथमिकस्वास्थ्य केंद्र में एक माह में 39 मरीज इलाज कराने जाते थे। अब 1 माह में औसतन 11हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। वर्ष 2006 से हमलोगों ने सरकारीअस्पतालों में मुफ्त दवा वितरण का काम भी शुरू कराया। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारीमेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हर जिले में हमलोगों नेइंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना कराई है, जिलों में मेडिकल कॉलेज भी खोले जा रहे हैं। हरघर नल का जल, हर घर पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तकबिजली का कनेक्शन जैसी मुलभूत सुविधाएं लोगों को पहुंचा दी गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50प्रतिशत आरक्षण दिया गया, इसके तहत अब तक 4 चुनाव हो गए हैं। बड़ी संख्या में महिलाएंचुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजाहै कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी करीब 30 प्रतिशत हो गई है। बिहार मेंजितनी बड़ी संख्या में महिला पुलिस है उतना देश के किसी राज्य में नहीं है। वर्ष 2016 से हम लोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया। पहले बिहारमें स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विष्व बैंक सेकर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयंसहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविकादीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों नेही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसकानाम आजीविका दिया।

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