चंडीगढ़
लुधियाना नगर निगम में मेयर के चुनाव से पहले दलबदल का खेल शुरू हो गया है। लुधियाना के निगम चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। आम आदमी पार्टी 41 सीटें तो जीतीं मगर बहुमत से दूर ही रही। कांग्रेस एक पार्षद शामिल हुए, मगर थोड़ी देर में ही अपनी पुरानी पार्टी में घरवापसी कर ली। हद तो तब हुई जब शाम होते-होते उन्होंने एक बार फिर आप का दामन थाम लिया। उन्होंने चार घंटे में तीन बार पार्टी बदल ली। नगर निगम में विपक्षी दल कांग्रेस का आरोप है कि आम आदमी पार्टी दूसरे दलों पार्षदों को धमकाने और झूठे केस फंसाकर जबरन सदस्यता दिला रही है।
नवनिर्वाचित पार्षद जगदीश लाल ने छोड़ दी कांग्रेस
लुधियाना में कांग्रेस के एक नवनिर्वाचित पार्षद जगदीश लाल ने पार्टी छोड़ दी । गुरुवार शाम करीब 4.30 बजे आम आदमी पार्टी ने एक फोटो जारी कर बताया कि वॉर्ड नंबर 6 के पार्षद जगदीश लाल ने विधायक दलजीत सिंह ग्रेवाल भोला, विधायक चौधरी मदन लाल बग्गा और मार्कफेड के चेयरमैन अमनदीप सिंह मोही भी मौजूदगी में सदस्यता ली। करीब डेढ़ घंटे बाद जगदीश फिर कांग्रेस में लौट गए।
'आया राम, गया राम' होने पर दी सफाई
शाम करीब 6 बजे कांग्रेस ने प्रेस और फोटो जारी कर बताया कि पार्षद ने शहर अध्यक्ष संजय तलवार की मौजूदगी में घरवापसी कर ली है। उलट-पुलट का यह तमाशा थमा नहीं। देर शाम 8 बजे पार्षद जगदीश ने गले में आप का दुपट्टा डालकर तस्वीरें खिंचवाईं। फिर मीडिया से बातचीत के बाद उन्होंने चार घंटे में तीन बार 'आया राम, गया राम' होने पर सफाई दी।
किसी प्रेशर में नहीं: पार्षद
पार्षद जगदीश ने बताया कि वह किसी प्रेशर में नहीं है बल्कि अपनी मर्जी से आप में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि चुनाव के दौरान उन्होंने क्षेत्र में विकास के कई वादे किए थे। सत्ताधारी पार्टी होने के कारण आम आदमी पार्टी ही वादों को पूरा कर सकती है। कांग्रेस में घरवापसी पर पार्षद ने कहा कि कांग्रेस नेता उनके भाई जैसे हैं और जब भी घर आते हैं तो फोटो खिंचवाते हैं। बता दें कि लुधियाना नगर निगम के चुनाव में आप ने 41, कांग्रेस ने 30, बीजेपी ने 19, शिरोमणि अकाली दल ने 2 और निर्दलीय ने तीन सीटें जीतीं। रिजल्ट आने के बाद आप ने अकाली दल और कांग्रेस के एक-एक पार्षद का समर्थन हासिल कर लिया है। इसके अलावा निर्दलीय पार्षद दीपा रानी चौधरी ने भी आप को सपोर्ट किया है।
नगर निगम में 95 वॉर्डों से पार्षद चुने गए
लुधियाना नगर निगम में 95 वॉर्डों से पार्षद चुने गए, मगर मेयर चुनाव के लिए सात विधायक भी वोट करते हैं। इस तरह सदन की कुल संख्या 102 हो जाती है। मेयर को चुनाव जीतने के लिए 52 वोटों की जरूरत होगी। लुधियाना के सभी 7 विधायक आम आदमी पार्टी के हैं। तीन पार्षदों को तोड़ने के बाद आप के पास कुल 51 वोट हो जाएंगे। उसे सिर्फ एक पार्षद के वोट की दरकार रहेगी। अब पार्टी तोड़े जाने के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई है। लुधियाना शहर कांग्रेस के अध्यक्ष संजय तलवार ने कहा कि दूसरी पार्टियों पर ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाती है, जबकि खुद मेयर की कुर्सी के लिए खरीद-फरोख्त कर रही है। ऐसी घटिया राजनीति पहले लुधियाना में कभी नहीं हुई।
दोगुनी रकम देने का लालच दिया
उन्होंने आरोप लगाया कि जगदीश लाल को चुनाव में खर्च किए गए पैसे से दोगुनी रकम देने का लालच दिया। अकाली नेता और पूर्व विधायक रंजीत सिंह ढिल्लों ने भी आप पर ब्लैकमेल की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वॉर्ड नंबर 20 के अकाली पार्षद कमल अरोड़ा को फर्जी एफआईआर दर्ज कराकर अपने पाले में लिया।
कब शुरू हुई आया राम गया राम की कहावत
बता दें कि राजनीति में आया राम गया राम की कहावत 1967 के हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद चर्चित हुई थी। तब निर्दलीय विधायक गयालाल ने 15 दिनों में तीन पार्टियां बदली थी। हसनपुर के विधायक पहले कांग्रेस में शामिल हुए, फिर संयुक्त मोर्चे में चले गए। थोड़े दिन बाद वह दोबारा कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके बाद राव वीरेंद्र सिंह ने उन्हें कांग्रेस में वापस लाकर घोषणा की थी कि अब गया राम आया राम हैं।