मोदी सरकार महाकुंभ से संविधान पर संदेश देगी, विपक्ष की काट को तैयार; क्या-क्या प्लान

प्रयागराज

बीते कुछ महीनों से देश की राजनीति संविधान के मुद्दे पर तेज है। इस बीच विपक्ष के नैरेटिव की काट में सरकार लगी हुई है। संसद में संविधान पर दो दिनों की डिबेट हुई है तो वहीं पूरे साल 75वें वर्ष को लेकर कार्यकर्मों के आयोजन की भी तैयारी है। इस बीच महाकुंभ में भी एक स्टॉल महाकुंभ पर लगेगा। केंद्र सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की ओर से यह कैंप स्थापित किया जाएगा। इसमें भारत के संविधान के बारे में लोगों को जागरूक किया जाएगा। इसके अलावा यदि लोग संविधान से जुड़ी पुस्तकें और साहित्य खरीदना चाहें तो वह भी यहां से ले सकते हैं। मंत्रालय का कहना है कि महाकुंभ भी समरसता, एकता और न्याय की भावना का प्रतीक है। ऐसे में इस समरसता के महापर्व को महाकुंभ में सेलिब्रेट किया जा सकता है।

मंत्रालय ने संविधान को दर्शाने और उसकी जानकारी देने वाला एक शानदार पैविलियन तैयार किया है। इस स्टॉल पर पहुंचने वाले लोगों को संविधान के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इसके अलावा देश की आजादी एवं संविधान के निर्माण में योगदान देने वाले लोगों के बारे में भी विस्तार से बताया जाएगा। यह संविधान की एक ई-कॉपी भी रखी जाएगी, जिसे लोग आसानी से पढ़ सकेंगे। वहीं एक डिजिटल फ्लिप बुक भी तैयार की गई है, जिसके माध्यम से लोगों को संविधान के बारे में बेहद सरल भाषा में समझाया जाएगा। यही नहीं संविधान की प्रस्तावना और पहले पेज की प्रतियों वाले तमाम पोस्टर भी महाकुंभ परिसर में लगाए जाएंगे।

यहां आने वाले लोगों को सरकार यह भी बताएगी कि उसने कैसे एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के कल्याण के लिए कदम उठाए हैं। मंत्रालय का कहना है कि वह क्विज भी आयोजित करा रहा है। इनके माध्यम से लोग जान सकेंगे कि उनकी संविधान को लेकर कितनी जानकारी है। बीते कुछ समय में देश में संविधान को लेकर राजनीति तेज रही है। ऐसे में सरकार विपक्ष के नैरेटिव की काट कर रही है। महाकुंभ में करोड़ों लोग पहुंचने वाले हैं और सरकार इस मौके को एक अवसर के तौर पर देख रही है। ऐसा पहली बार होगा, जब महाकुंभ में संविधान को लेकर कोई स्टॉल लगेगा। संविधान और सरकार की ओऱ से कल्याणकारी योजनाएं चलाए जाने की जानकारी देकर विपक्ष के उस प्रचार से निपटने की तैयारी है, जिसमें सरकार को पिछड़ा विरोधी घोषित करने के प्रयास किए जाते हैं।

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