कलेक्टर भोपाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के अंतर्गत किए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी

भोपाल
कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 अंतर्गत धारा 163 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए भोपाल जिले के सभी धार्मिक स्थलों / औद्योगिक / वाणिज्यक / रहवासी एवं मूक क्षेत्र में ध्वनि यंत्रों (लाउडस्पीकर/डी०जे०/सम्बोधन प्रणाली) के अनियंत्रित एवं नियम विरुद्ध प्रयोग पर नियंत्रण / कार्यवाही के लिए प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है।

1. जारी आदेश अनुसार सार्वजनिक आपात स्थिति को छोड़कर रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे के बीच संपूर्ण जिले में सभी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों एवं तीव्र संगीत का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।

2. समस्त डी०जे० संचालक/ होटलो/ रेस्टोरेंट/बार को डी०जे० यूनिट के संचालन का नियमानुसार लायसेंस लेना अनिवार्य होगा एवं किसी भी डी०जे० यूनिट पर अधिकतम एक साउण्ड सिस्टम (जिनकी ध्वनि निर्धारित मापदण्डो के अनुसार अथवा उससे कम का हो) का ही उपयोग किया जा सकेगा।

3. ध्वनि विस्तारक यंत्रो का उपयोग प्रातः 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी / पुलिस उपायुक्त की अनुमति से किया जा सकेगा, परन्तु यह अनुमति 02 घंटे से अधिक की नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक वेस्तारक यंत्रो यंत्रो के उपयोग की अनुमति कार्यकम परिसर मे ही दी जावेगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग हेतु दी गई अनुमति में भारत सरकार द्वारा निर्धारित Ambient Air Quality Standards in respect of Noise का स्पष्ट उल्लेख किया जाए।

4. मननीय सर्वोच्च न्यायालय, माननीय उच्च न्यायालय एवं माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन०जी०टी०) के दिशा निर्देशों, ध्वनि प्रदूषण (निनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 तथा म०प्र० कोलाहल नियंण अधिनिमय 1985 के प्रावधानों का पालन किया जाना अनिवार्य होगा।

6. यदि किसी द्वारा व्यक्ति इन प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है तो मध्यप्रदेश कोलाहल नियत्रण अधिनियम 1985 की धारा 15 एवं 16 के तहत शास्ति अधिरोपित करने एवं जप्ती की कार्यवाही की जाए।

 यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होगा। इस आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति के विरूद्ध भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत कार्यवाही की जाएगी।

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