ढाका
बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी ने वापसी का बिगुल बजा दिया है। आवामी लीग ने ऐलान किया है कि वह देश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के इस्तीफे की मांग करेगी। पार्टी ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों और सड़क पर उतरने की भी योजना बनाई है। गौरतलब है कि शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद यह अवामी लीग का पहला बड़ा प्रदर्शन है। पिछले साल छात्र आंदोलन के बाद शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद से पार्टी के अधिकतर नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं हमलों के डर से कई नेता देश में ही छिपे हुए हैं।
अवामी लीग के फेसबुक पेज पर पोस्ट किए गए एक बयान के मुताबिक पार्टी यूनुस सरकार पर इस्तीफे के लिए दबाव बनाने के लिए 1 फरवरी से सड़कों पर उतरेगी। बयान में कहा गया है कि पार्टी इसकी तैयारी में जुट गई है। 6 फरवरी को देशभर में विरोध मार्च और रैलियां निकाली जाएंगी। वहीं 10 फरवरी को भी प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की जाएंगी। बयान में यह भी कहा गया है कि 16 फरवरी को देशभर में नाकेबंदी की जाएगी और 18 फरवरी को सुबह से शाम तक हड़ताल का आयोजन किया जाएगा।
दिलचस्प बात यह भी है कि इस पोस्ट में शेख हसीना को प्रधानमंत्री कह कर ही संबोधित किया गया है। बयान में कहा गया है कि इस आंदोलन के जरिए आईसीटी ट्रिब्यूनल में प्रधानमंत्री और पार्टी के दूसरे नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को वापस लेने की भी मांग की जाएगी। बता दे कि सत्ता से बेदखल होने के बाद पार्टी ने 10 नवंबर को भी सड़कों पर उतरने की योजना की घोषणा बनाई थी। हालांकि यह आयोजन नहीं किया जा सका। जुलाई-अगस्त में हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद से अवामी लीग काफी हद तक निष्क्रिय रही है। वहीं पार्टी अध्यक्ष शेख हसीना ने बड़े पैमाने पर हुए विद्रोह के बाद भारत में शरण ले ली थी।