महासमुंद
प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के परिणाम आज घोषित हो रहे हैं. नतीजे पूरी तरह से भगवामय नजर आ रहे हैं. इस बीच ऐसा भी नतीजा देखने को मिला, जिसने सबसे ज्यादा चौंकाया है. एक ओर जहां निकायों में भाजपा का कब्जा नजर आ रहा है. वहीं दूसरी तरफ महासमुंद नगर पालिका में बीजेपी के पूर्व विधायक विमल चोपड़ा को हार का सामना करना पड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी निखिल कांत साहू ने चुनावी मैदान में विमल चोपड़ा को पटखनी दी है.
सन 2000 में डॉ विमल चोपड़ा ने निखिल कान्त साहू के पिता मनोज कान्त साहू को एक हजार वोटों से शिकस्त देकर पहली बार चुनाव जीता था. उसी कांग्रेस नेता के बेटे निखिल कांत साहू ने करीब 3500 वोटों से चुनाव जीतकर अपने पिता मनोज की हार का बदला ले लिया है.
डॉ विमल चोपड़ा के सियासी सफर की बात करें तो उन्होंने सन 2000 में बीजेपी की टिकट पर नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था, जिसमें जीत मिली थी. फिर 2005 में बीजेपी ने उन्हें टिकट नहीं दिया तो निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत गए इसके बाद 2014 में निर्दलीय विधायक के रूप में महासमुंद विधानसभा चुनाव जीते. अब बीजेपी ने फिर से उन्हें 2025 में नगर पालिका अध्यक्ष पद का उम्मीदवार बनाया था, जिसके उनको हार का सामना पड़ा है. कांग्रेस प्रत्याशी
निखिल कांत साहू ने 3554 वोट से हराया है.
बता दें कि महासमुंद नगर पालिका परिषद क्षेत्र ने 47178 मतदाता है. जिनमें से 24915 महिला मतदाता है और 22254 पुरुष मतदाता के अलावा 9 तृतीय लिंग के मतदाता है. महासमुंद नगर पालिका परिषद में 30 वार्डों में भाजपा कांग्रेस आम आदमी पार्टी और निर्दलीय के रूप में 100 से अधिक उम्मीदवारों ने पार्षद पद के लिए अपना भाग्य आजमाया. वहीं नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए 5 प्रत्याशी मैदान में थे.