रांची
झारखंड में बाजार में उपलब्ध किसी भी नाम से तंबाकू या निकोटिनयुक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण गतिविधियों पर एक साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है.
रांची-झारखंड में गुटखा-पान मसाला पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में नोटिफिकेशन जारी किया है. इस आदेश के बाद एक साल के लिए झारखंड के बाजारों में उपलब्ध किसी भी नाम से तंबाकू या निकोटिन युक्त गुटखा और पान मसाला के निर्माण, भंडारण, बिक्री और वितरण गतिविधियों पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है. अपर मुख्य सचिव सह राज्य खाद्य सुरक्षा आयुक्त अजय कुमार सिंह ने इस संबंध में आदेश जारी किया है.
मंत्री ने स्पष्ट किया कि गुटखा बेचने, भंडारण करने या सेवन करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी. गुटखा माफिया और अवैध कारोबारियों पर विशेष नजर रखी जाएगी. किसी भी दुकान, गोदाम या व्यक्ति के पास गुटखा मिलने पर न केवल सख्त कानूनी कार्रवाई होगी, बल्कि गोदाम भी सील किए जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि इस आदेश का कठोरता से पालन किया जाए.
डॉ. अंसारी ने कहा, "मुझसे लगातार माताएं और बहनें गुहार लगा रही थीं कि उनके बच्चे और भाई नशे की गिरफ्त में फंसकर अपना जीवन नष्ट कर रहे हैं. मैंने उनकी पीड़ा को समझा और यह ठोस निर्णय लिया. यह सिर्फ एक प्रतिबंध नहीं, बल्कि उन परिवारों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, जिन्होंने अपने बच्चों को कैंसर की वजह से खो दिया."
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह फैसला पूरे राज्य के लिए एक नजीर बनेगा. उन्होंने अधिकारियों और आम जनता से अपील की कि इस फैसले को एक चुनौती की तरह लें और झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने में सहयोग करें. उन्होंने कहा, "हम एक ऐसा ट्रेंड सेट करना चाहते हैं, जिसे अन्य राज्य भी फॉलो करें और पूरे देश में यह मुहिम चले."
डॉ. इरफान अंसारी ने यह भी कहा कि जब जनता ने एक डॉक्टर को स्वास्थ्य मंत्री चुना है, तो वे इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं. उन्होंने कहा, "जब तक झारखंड की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार नहीं होगा, जब तक यहां के लोग स्वस्थ नहीं होंगे, तब तक मैं चैन से नहीं बैठूंगा."
गुटखा और पान मसाले पर प्रतिबंध लगाने के इस ऐतिहासिक निर्णय की हर ओर सराहना हो रही है. विशेषज्ञों और सामाजिक संगठनों ने इसे झारखंड के युवाओं और परिवारों के हित में लिया गया सबसे बड़ा फैसला बताया है. यह निर्णय ना केवल स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक सुधार की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है.
डॉ. अंसारी ने अंत में कहा, "हम सबको मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि झारखंड स्वस्थ और नशामुक्त बने. जीवन अनमोल है, इसे गुटखा और पान मसाले जैसी घातक चीजों से खोने की इजाजत नहीं दी जा सकती. यह निर्णय झारखंड के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है, और हमें इस पर गर्व होना चाहिए."
गुटखा बेचना और सेवन दोनों होगा अपराध
नये आदेश के तहत झारखंड में अब गुटखा बेचना और इसका सेवन दोनों अपराध होगा. स्वास्थ्य विभाग द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 की धारा 30 (2) (ए) और खाद्य सुरक्षा एवं मानक (बिक्री पर प्रतिषेध एवं प्रतिबंध) विनियम, 2011 के विनियम 2, 3 और 4 के अंतर्गत आदेश जारी किया गया है. जन स्वास्थ्य के हित में इस आदेश के जारी होने की तिथि से यह प्रतिबंध लागू रहेगा. इस अधिसूचना को आम जनता की जानकारी और उन्हें इस आदेश के प्रति जागरूक करने के लिए मीडिया के माध्यम से प्रसारित करने के निर्देश दिये गये हैं. झारखंड सरकार की ओर से सरकारी मुद्रणालय, डोरंडा के नोडल पदाधिकारी को (ई-गजट) प्रकाशित करने के लिए अधिसूचना की मूल प्रति भेजी गयी है. ताकि इसे आदेश के रूप में अन्य विभागों के बीच भी लागू कराया जा सके.
गुटखा मुक्त झारखंड बनाने की पहल
झारखंड को गुटखा मुक्त बनाने की पहल मंत्री इरफान अंसारी ने की है. झारखंड में अब गुटखा बेचना और खाना दोनों अपराध होगा. इसे लेकर आदेश जारी हुआ है. इरफान अंसारी ने कहा कि कैंसर से हम अपने बच्चों को मरने नहीं देंगे. गुटखा बेचने और गुटखा खाने वाले पर भी अब पुलिसिया कार्रवाई होगी.