भारतीय पंचांग का पहला महीना चैत्र है. चित्रा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इसका नाम चैत्र पड़ा है. चैत्र माह से ही वसंत का समापन और ग्रीष्म का आरम्भ होता है. साथ ही शुभता और ऊर्जा का भी आरंभ होता है. इस महीने से ज्योतिष का बहुत गहरा संबंध है. इस बार चैत्र का महीना 15 मार्च यानी आज से शुरू हो रहा है और ये 12 अप्रैल तक रहेगा. आइए आपको चैत्र माह की महिमा बताते हैं.
चैत्र माह में पूजा के लाभ
इस महीने में सूर्य और देवी की उपासना लाभदायक होती है. इस महीने नाम यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य की उपासना करना उत्तम होता है. शक्ति और ऊर्जा के लिए देवी की उपासना करनी चाहिए. इस महीने में लाल फलों का दान करें और नियमित रूप में पेड़ पौधों में जल डालें.
चैत्र में खान-पान के नियम
चैत्र के महीने से धीरे-धीरे अनाज खाना कम कर देना चाहिए. पानी अधिक पीएं. ज्यादा से ज्यादा फल खाएं. इस महीने में गुड़ नहीं खाना चाहिए. बल्कि इस महीने में चना खाना बहुत अच्छा होता है. चैत्र में बासी भोजन बिल्कुल नहीं खाना चाहिए.
चैत्र में आने वाले पर्व-त्योहार
चैत्र में कृष्ण पक्ष की पंचमी को रंग पंचमी मनाई जाती है. इसी महीने में पापमोचनी एकादशी भी आती है. इस महीने से नवसंवत्सर का आरम्भ भी होता है. वासंतिक नवरात्र का शुभ पर्व भी इसी महीने आता है. इसी माह की नवमी तिथि को श्रीराम जी का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है. इस दिन तमाम धार्मिक कृत्य और दान आदि करने की परंपरा है
पर्व-त्योहारों की सूची
15 मार्च 2025 – चैत्र मास प्रारंभ
16 मार्च 2025 – भाई दूज
17 मार्च 2025 – भालचद्र संकष्टी चतुर्थी
19 मार्च 2025 – रंग पंचमी
21 मार्च 2025 – शीतला सप्तमी
22 मार्च 2025 – शीतला अष्टमी, बसोड़ा, कालाष्टमी
25 मार्च 2025 – पापमोचिनी एकादशी
27 मार्च 2025 – प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि
29 मार्च 2025 – सूर्य ग्रहण, चैत्र अमावस्या
30 मार्च 2025 – गुड़ी पड़वा, चैत्र नवरात्रि
31 मार्च 2025 – गणगौर
06 अप्रैल 2025 – रामनवमी
12 अप्रैल 2025 – चैत्र पूर्णिमा हनुमान जयंती