एम्स भोपाल में विकसित की गई अलग-अलग आकार की नसों को टांका लगाकर जोड़ने की तकनीक

भोपाल अगर किसी मरीज का पैर जल जाता है, उसकी हड्डी तक की मांस काली पड़ जाती है। उस हड्डी को ढकने के लिए शरीर के किसी अन्य हिस्से से मांस लगाया जाता है। मांस जीवित रहे इसलिए खून की नस को भी काटा जाता है। और पैर ही हड्डी पर लगाया जाता है। इस…

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एम्स में पदस्थ डॉ. अंशुल राय की ‘जबड़े की सर्जरी’ तकनीक को केंद्र सरकार की ओर से कॉपीराइट प्रदान किया गया

भोपाल  एम्स भोपाल के में दंत चिकित्सा विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ अंशुल राय द्वारा विकसित 'सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटॉमी' तकनीक के लिए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति और संवर्द्धन विभाग द्वारा कॉपीराइट दिया है। 'सेजाइटल स्प्लिट आस्टियोटॉमी' एक प्रकार की जबड़े की सर्जरी है, जिसमें निचले जबड़े को ऊपरी जबड़े से अलग…

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एम्स भोपाल में अब फोरेंसिक मामलों की जांच भी हो सकेगी, मौत की वजह की मिलेगी सटीक जानकारी

भोपाल अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में अब फोरेंसिक मामलों की जांच भी हो सकेगी। इसके लिए फोरेंसिक हिस्टोपैथोलाजी लैब की स्थापना की गई है। इस जांच से मौत के कारणों की सही जानकारी आसानी से मिल जाएगी। इससे पुलिस को उलझे हुए मामले सुलझाने में मदद मिलेगी। प्रदेश के किसी भी जिले की…

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