प्यार में सरहद पार की, पर थाने पहुंच गया दिल! हेनरिक्स की बंगाल में ‘इज्जत’ उतरी

कोलकाता
नीदरलैंड्स के एक 37 वर्षीय व्यक्ति हेनरिक्स ने अपनी ऑनलाइन दोस्त से मिलने के लिए लगभग 7,000 किलोमीटर की यात्रा की, लेकिन पश्चिम बंगाल के नदिया जिले में उसकी यह यात्रा मुसीबत में बदल गई। दरअसल हेनरिक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम के जरिए बंगाल की एक नाबालिग लड़की से दोस्ती की जो उसकी सबसे बड़ी गलती साबित हुई। इसके बाद वह उस लड़की से मिलने के लिए एम्सटर्डम से भारत आया। लेकिन स्थानीय लोगों की शिकायत के बाद उसे पुलिस ने पकड़ लिया।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हेनरिक्स ने इंस्टाग्राम के माध्यम से तेहट्टा की एक नाबालिग छात्रा के साथ दोस्ती की थी। उनकी ऑनलाइन दोस्ती धीरे-धीरे गहरी हो गई, जिसके बाद हेनरिक्स ने भारत आने का फैसला किया। हेनरिक्स रविवार को एम्सटर्डम से कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरा और वहां से सड़क मार्ग के जरिए नदिया जिले के मायापुर पहुंचा। सोमवार सुबह करीब 11:30 बजे वह तेहट्टा में उस कक्षा 11 की छात्रा से मिलने गया, जिसके साथ उसकी इंस्टाग्राम पर दोस्ती हुई थी।

स्थानीय लोगों की नजर में आया 'लंबा विदेशी'
तेहट्टा में बीडीओ कार्यालय के पास एक लंबा विदेशी युवक काफी समय तक खड़ा रहा, जिसने स्थानीय लोगों का ध्यान आकर्षित किया। तेहट्टा जैसे ग्रामीण इलाके में आमतौर पर विदेशी नहीं देखे जाते हैं। दोपहर में, लोगों ने देखा कि वह स्कूल के पास उसी कक्षा 11 की छात्रा से बात कर रहा था। दोनों ने सड़क पर करीब 30 मिनट तक बात की। एक स्थानीय निवासी के अनुसार, हेनरिक्स ने छात्रा को एक डॉल भी गिफ्ट में दी। एक विदेशी व्यक्ति को स्कूल के आसपास लंबे समय तक घूमते देख स्थानीय लोगों को शक हुआ। कुछ लोगों ने उनसे सवाल-जवाब भी किए और अंततः तेहट्टा थाने को सूचना दे दी।

जैसे ही पुलिस को इस घटना की जानकारी मिली, तेहट्टा पुलिस ने हेनरिक्स को थाने बुलाया और उससे पूछताछ की। पूछताछ के दौरान पता चला कि जिस लड़की से वह मिलने आया था, वह नाबालिग है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया, "युवक ने एक नाबालिग लड़की के साथ सोशल मीडिया पर दोस्ती की थी। इसलिए वह उससे मिलने तेहट्टा आया। यह घटना स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई। हमने उसे थाने बुलाकर बात की और चूंकि लड़की नाबालिग है, इसलिए उसे वापस जाने की सलाह दी गई।"

हेनरिक्स का दर्द
मीडिया से बात करते हुए हेनरिक्स ने इस अनुभव को "अपमानजनक" और "निरादरपूर्ण" बताया। उसने कहा, "मैं केवल अपनी दोस्त से मिलना चाहता था, लेकिन अब यह अनुभव बर्बाद हो गया। अगर भारत में विदेशियों के साथ ऐसा व्यवहार होता है, तो कोई यहां नहीं आएगा।" उन्होंने कसम खाई कि वे दोबारा भारत नहीं लौटेंगे। हेनरिक्स ने बताया कि उनकी एक भारतीय लड़की से सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी, लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं थी कि वह लड़की नाबालिग है। दोनों की बातचीत बढ़ती गई और हेनरिक्स ने उससे मिलने का फैसला कर लिया। वह बीते रविवार को एम्सटर्डम से भारत के लिए रवाना हुआ। उसने बताया कि वह सड़क मार्ग से नदिया जिले के मायापुर पहुंचा और फिर तेहट्टा इलाके में उस लड़की को ढूंढता रहा। उसके पास लड़की का पता नहीं था, इसलिए वह पांच-छह घंटे तक इलाके में इधर-उधर घूमता रहा और एक हाई स्कूल के बाहर खड़े होकर उसका इंतजार करता रहा। थाने में पूछताछ के दौरान हेनरिक्स ने अपना पासपोर्ट, वीजा और अन्य दस्तावेज दिखाए। उसने पुलिस को लड़की की सोशल मीडिया प्रोफाइल भी दिखाई। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, "पूछताछ के दौरान कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। एक विदेशी नागरिक होने के नाते हमने उन्हें पूरा सम्मान दिया।" हालांकि, लड़की के नाबालिग होने और उसके पिता की आपत्ति के चलते पुलिस ने हेनरिक्स को लड़की से मिलने की अनुमति नहीं दी। औपचारिक जांच के बाद उन्हें सम्मानपूर्वक छोड़ दिया गया।

"भारत में नहीं मिला सम्मान", डच नागरिक का भावुक बयान
पुलिस से क्लीन चिट मिलने के बावजूद हेनरिक्स इस अनुभव से बेहद आहत नजर आए। उन्होंने कहा, "मैं कोई शोहरत या ध्यान नहीं चाहता था। मैं बस अपनी दोस्त से मिलना चाहता था। लेकिन सब कुछ बर्बाद हो गया। अब मैं भारत छोड़कर जा रहा हूं और दोबारा कभी लौटने की योजना नहीं है।" उन्होंने आगे कहा, "मैं यहां खुद को सम्मानित महसूस नहीं कर पाया। मुझे अपमान और तिरस्कार झेलना पड़ा। तेहट्टा के लोग निष्ठुर हैं, जिनके पास न सोचने की समझ है और न ही संवेदनशीलता। अगर आप सभी विदेशी मेहमानों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगे, तो भारत का भविष्य अच्छा नहीं होगा।"

 

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