सड़क जमीनी निकली! मंत्री को कीचड़ में चलना पड़ा, सीएम का निर्देश बना सिरदर्द

सीहोर 
सीहोर और देवास जिलों में फैले खिवनी अभयारण्य में अतिक्रमण विरोधी मुहिम के बहाने आदिवासियों को हटाना, सरकार को महंगा पड़ रहा है। वन विभाग की इस कार्रवाई से वनवासी गुस्सा उठे हैं। उनकी नाराजगी खत्म करने के लिए राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए सीहोर के डीएफओ मगन सिंह डाबर को हटा दिया है। पीड़ित आदिवासियों ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपनी व्यथा सुनाई थी। रविवार को कृषि मंत्री आदिवासियों को लेकर सीएम डॉ. मोहन यादव के पास पहुंच गए। उनकी शिकायत के बाद सीहोर DFO को हटा दिया गया। इधर सीएम के निर्देश पर जनजातीय मंत्री विजय शाह भी खिवनी गांव पहुंचे। उन्हें आदिवासियों को मनाने के लिए कीचड़ में पैदल चलना पड़ा।
 
खिवनी अभयारण्य में अतिक्रमण के नाम पर आदिवासियों के घर तोड़ दिए गए थे। 23 जून को वन विभाग ने ये कार्रवाई की थी जिससे नाराज हजारों आदिवासियों ने शुक्रवार को खातेगांव में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यहां कई जिलों के आदिवासी जुटे थे। इस मुद्दे पर कांग्रेस भी मुखर हो गई। वनवासियों का गुस्सा शांत करने सीएम मोहन यादव ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित टिप्पणी के बाद से ही हाशिए पर चल रहे पार्टी के आदिवासी नेता और राज्य के जनजातीय मंत्री विजय शाह को आगे किया। सीएम ने उन्हें आदिवासियों का असंतोष थामने की जिम्मेदारी देकर खिवनी जाने के निर्देश दिए।

कीचड़ भरे रास्तों से होते हुए मंत्री विजय शाह किसी तरह गांव पहुंचे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर मंत्री विजय शाह रविवार को खिवनी गांव पहुंचे। इसके लिए उन्हें पैदल चलना पड़ा। कीचड़ भरे रास्तों से होते हुए मंत्री विजय शाह किसी तरह गांव पहुंचे और प्रभावितों से बातचीत की। वनवासियों से मुलाकात करने के बाद उन्हें वापस लौटने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठना पड़ा।
खिवनी अभयारण्य में अतिक्रमण हटाने का मामला तूल पकड़ने के बाद सीएम के निर्देश पर रविवार को वन मंत्री विजय शाह ख़िवनी पहुंचे। इस दौरान मंत्री सहित अन्य जनप्रतिनिधि और अफसर ट्रैक्टर ट्रॉली में बैठे। उन्होंने यहां पीड़ित परिवारों से चर्चा की। वहीं खिवनी में बढ़ते अतिक्रमण को लेकर आसपास के आदिवासी परिवारों ने मंत्री शाह को ज्ञापन भी सौंपा।

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